
राष्ट्रीय स्वयंसेवक के सरसंघचालक मोहन भागवत जोधपुर प्रवास पर हैं। तीन दिन पहले उनसे मिलने के लिए पूर्व सीएम वसुंधरा राजे जोधपुर गई थी। राजे की मोहन भागवत से मुलाकात हुई। करीब 20 मिनट तक दोनों बातचीत हुई। राजे की भागवत से मुलाकात के दो दिन बाद मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा भी उनसे मिले। करीब 20 मिनट तक सीएम भजनलाल शर्मा और मोहन भागवत के बीच बातचीत हुई। वसुंधरा राजे और भजनलाल शर्मा की मोहन भागवत से हुई मुलाकातों के बाद राजस्थान की राजनीति में हलचल मची हुई है। लोग कई तरह की अटकलें लगा रहे हैं।
क्या राजे को मिलने वाली है बड़ी जिम्मेदारी
वसुंधरा राजे और भजनलाल शर्मा की मोहन भागवत से हुई मुलाकातों को काफी अहम माना जा रहा है। चूंकि राजे पिछले कुछ वर्षों से राजनीति की मुख्यधारा से अलग हैं। अब मोहन भागवत से मुलाकात के बाद माना जा रहा है कि राजे फिर से अहम भूमिका में आ सकती है। कुछ राजनैतिक जानकारों का मानना है कि राजस्थान में सरकार का नेतृत्व बदला जा सकता है। संघ की पसंद के अनुसार राजे को राजस्थान में बड़ी जिम्मेदारी दी जा सकती है।
केंद्रीय नेतृत्व को दिया बड़ा संदेश
वसुंधरा राजे और मोहन भागवत की मुलाकात से भाजपा के केंद्रीय नेतृत्व को एक बड़ा संदेश मिला है। खुद वसुंधरा राजे पिछले कई दशकों से संघ से जुड़ी है। संघ के वरिष्ठ पदाधिकारियों से उनका नजदीक का संबंध रहा है। एक समय था जब प्रदेश भाजपा में राजे सबसे प्रमुख नेता थी। पूरे प्रदेश में उनका अपना अलग की वर्चस्व था। इसके बावजूद पिछले दो साल से भाजपा के केंद्रीय नेतृत्व ने राजे को साइड लाइन कर रखा था। अब संघ के दखल के बाद राजे एक बार फिर मुख्यधारा में आने वाली है।