
सीएम भजनलाल शर्मा ने कहा कि राजस्थान को भारत का सबसे बड़ा डेयरी हब बनाने के लिए ठोस कदम उठाए जा रहे हैं। दुग्ध उत्पादकों को प्रति लीटर 5 रुपये का अनुदान दिया जा रहा है और औसतन 864 रुपये प्रति किलो फैट का मूल्य सुनिश्चित किया गया है।
मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने शनिवार को विद्याधर नगर स्टेडियम में आयोजित गौ आधारित वैश्विक शिखर सम्मेलन ‘गौ महाकुंभ’ में संबोधित किया। सीएम ने कहा कि भारतीय संस्कृति में गौवंश का विशेष स्थान है। उन्होंने कहा कि प्राचीन परम्पराओं में गाय की पूजा और सेवा को समृद्धि और संस्कारों का प्रतीक माना गया है। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने स्पष्ट किया कि गौ महाकुंभ जैसे आयोजन केवल गौ संरक्षण का संदेश ही नहीं देते, बल्कि किसानों और गोपालकों को सशक्त बनाने की दिशा में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।
‘गौ संरक्षण और संवर्धन पर सरकार का फोकस’
मुख्यमंत्री ने बताया कि राज्य सरकार अब तक गौवंश संरक्षण और संवर्धन के लिए 2,791 करोड़ रुपये का अनुदान जारी कर चुकी है। पंजीकृत गौशालाओं को प्रति गाय प्रतिदिन 50 रुपये और छोटे बछड़ों के लिए 25 रुपये सहायता दी जा रही है। इसके अलावा 100 गौशालाओं को गौकाष्ठ मशीनें रियायती दरों पर उपलब्ध कराई गई हैं और 341 गौशालाओं में आधारभूत सुविधाएं विकसित की गई हैं। पंचायत स्तर पर नंदीशाला सहभागिता योजना के तहत 62 करोड़ रुपये से अधिक का प्रावधान किया गया है।
राजस्थान को डेयरी हब बनाने की तैयारी
सीएम ने कहा कि राजस्थान को भारत का सबसे बड़ा डेयरी हब बनाने के लिए ठोस कदम उठाए जा रहे हैं। दुग्ध उत्पादकों को प्रति लीटर 5 रुपये का अनुदान दिया जा रहा है और औसतन 864 रुपये प्रति किलो फैट का मूल्य सुनिश्चित किया गया है। मुख्यमंत्री दुग्ध उत्पादक प्रोत्साहन योजना के तहत 500 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है, जिसमें से 468 करोड़ रुपये की राशि डीबीटी के माध्यम से किसानों तक पहुंचाई जा चुकी है।
‘किसान और पशुपालक को दी जा रही विशेष सुविधाएं’
मुख्यमंत्री ने कहा कि किसान और पशुपालक ही सच्चे अन्नदाता और पोषणदाता हैं। राज्य सरकार किसानों को अतिरिक्त सहयोग देने के लिए किसान सम्मान निधि की राशि 6 हजार से बढ़ाकर 9 हजार रुपये कर चुकी है। इसके साथ ही गोपाल क्रेडिट कार्ड योजना के जरिए ऋण सुविधा और बीमा सुरक्षा भी उपलब्ध कराई जा रही है।
गौ सेवा का लिया संकल्प
मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने अंत में आह्वान किया कि सभी लोग गौ सेवा और संरक्षण का संकल्प लें। उन्होंने कहा कि गौ महाकुंभ जैसे आयोजन भारत की सांस्कृतिक धरोहर को संरक्षित करने और भविष्य में इसे नई ऊंचाइयों पर ले जाने का मार्ग प्रशस्त करते हैं।