कैबिनेट में आज 49 प्रस्तावों पर सीएम नीतीश कुमार ने लगाई मुहर, चुनाव से पहले दिया यह तोहफा

मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने चुनाव से पहले बिहार वासियों को फिर से बड़ा तोहफा दिया है। आज उन्होंने कैबिनेट की बैठक की और कई महत्वपूर्ण प्रस्ताव पर मुहर लगा दी है। आइए जानते हैं…

मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की अध्यक्षता में सितंबर माह की पहली कैबिनेट की बैठक संपन्न हो गई। उनकी अध्यक्ष में 49 महत्वपूर्ण प्रस्ताव पर मुहर लगी। सीएम नीतीश कुमार सरकारी नौकरी को लेकर किए गए अपने वादे को ध्यान में रखते हुए अनुसूचित जाति जनजाति कल्याण विभाग के अंतर्गत नव स्वीकृत 40 आवासीय विद्यालयों में 10+2 के नए शैक्षणिक एवं गैर शैक्षणिक कल 1800 पदों के सृजन को स्वीकृति दे दी है। वहीं कला, संस्कृति एवं युवा विभाग में 25 पदों के सृजन की स्वीकृति प्रदान की गई है। अपर मुख्य सचिव, अरविंद चौधरी ने बताया कि डॉक्टर भीम राव अम्बेडकर 10+2 अनुसूचित जाति एवं जनजाति आवासीय विद्यालय में जल्द बहाली की प्रक्रिया शुरू की जाएगी। इनमें प्रधानाध्यापक के 40 पद, कक्षा 11 से 12 तक के अध्यापक के 760 पद, कक्षा 6 से 10 तक के अध्यापक के 360 पद, कक्षा 1 से 5 तक के अध्यापक के 280 पद और गैर-शैक्षणिक कर्मियों के 360 पद शामिल हैं।

अब गृह रक्षकों को मिलेगा 1,121 रूपये का दैनिक भत्ता 
बिहार गृह रक्षा वाहिनी के गृह रक्षकों के दैनिक भत्ता में वृद्धि के प्रस्ताव को मंत्रिमंडल ने अपनी हरी झंडी दिखा दी है। अबतक गृह रक्षकों को कर्तव्य भत्ता व प्रशिक्षण भत्ता के रूप में प्रतिदिन 774 रूपये दिए जाते थे। जिसे बढ़ाकर अब 1,121 रूपये कर दिया गया है। जो राज्य के पुलिसकर्मियों के एक दिन के वेतन के सामान है। इसी तरह, प्रधानमंत्री आवास योजना-ग्रामीण के अनुश्रवण और लाभुकों को तकनीकी सहायता प्रदान करने के लिए संविदा नियुक्त ग्रामीण आवास सहायक, ग्रामीण आवास पर्यवेक्षक, प्रखंड लेखापाल और लेखा सहायकों के मूल मानदेय में भी भारी वृद्धि की गई है। ग्रामीण आवास सहायक एवं प्रखंड लेखापाल व लेखा सहायक के मूल मंदी में 25 प्रतिशत, ग्रामीण आवास पर्यवेक्षक के मूल मानदेय में 20 प्रतिशत, राज्य कार्यक्रम पदाधिकारी के मूल मानदेय में 10 प्रतिशत की वृद्धि के प्रस्ताव को भी मंत्रिमंडल की स्वीकृति मिली है।

इन्टर्न जूनियर डॉक्टरों की छात्रवृत्ति में वृद्धि 
राज्य के सरकारी चिकित्सा महाविद्यालयों, दन्त महाविद्यालयों, आयुर्वेदिक, यूनानी और होमियोपैथी के इन्टर्न की छात्रवृत्ति में बढ़ोतरी के प्रस्ताव पर भी मंत्रिपरिषद ने अपनी मुहर लगा दी है। अब सरकारी चिकित्सा महाविद्यालयों के इन्टर्न को 20 हजार रूपये की जगह 27 हजार, दन्त महाविद्यालय के इन्टर्न को 20 की जगह 27 हजार, आयुर्वेदिक, यूनानी व होमियोपैथी के इन्टर्न और विदेशी आयुर्विज्ञान के स्नातक के इन्टर्न कोभी 20 हजार की जगह 27 हजार रूपये की छात्रवृत्ति प्रदान की जाएगी। जबकि फिजियोथेरेपी और अक्यूप्रेशर के इन्टर्न को 15 हजार की जगह 20 हजार रूपये की छात्रवृत्ति दी जाएगी। बिहार सरकार ने तकनीकी सहायक एवं लेखापाल सह आईटी सहायक के मासिक मानदेय में भी भारी वृद्धि की है। तकनीकी सहायकों को अब 27 हजार की जगह 40 हजार रूपये और लेखापाल सह आईटी सहायकों को 20 हजार की जगह 30 हजार रूपये का मानदेय मिलेगा।

गोपालगंज को मिलेगा 720 सीटिंग वाला आवासीय विद्यालय

गोपालगंज जिले में 720 सीटिंग क्षमता वाले विद्यालय भवन का निर्माण कराया जा रहा है। इसके लिए कैबिनेट की ओर से 65 करोड़ 80 लाख 11 हजार रुपये की राशि स्वीकृत की गई है। यहां छात्रों को मुफ्त आवास, खान-पान और शिक्षा की सुविधा उपलब्ध होगी। बताते चलें, वर्तमान में राज्य में अनुसूचित जाति के लिए 66 और अनुसूचित जनजाति के लिए 25 आवासीय विद्यालय संचालित हैं। कैबिनेट की ओर से सरकार ने 28 नए विद्यालयों के भवनों का निर्माण कराया जा रहा है। जहां 10+2 स्तर तक शिक्षा उपलब्ध होगी। 

बिहार में गठित होगा मद्यनिषेध एवं राज्य स्वापक नियंत्रण ब्यूरो
बिहार में मादक पदार्थों, स्वापक औषधियों, मन:प्रभावी पदार्थों और शराब से संबंधित अवैध गतिविधियों और कारोबार के खिलाफ प्रभावी कार्रवाई के लिए केंद्र सरकार के नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो की तर्ज पर “मद्यनिषेध एवं राज्य स्वापक नियंत्रण ब्यूरो” के गठन के प्रस्ताव को भी मंत्रिमंडल ने अपनी मंजूरी दे दी है। इस ब्यूरो के संचालन के लिए विभिन्न कोटि के कुल 88 पदों के सृजन की मंजूरी दी गई है। वहीं ग्राम कचहरी सचिव को वर्तमान में मानदेय के रूप में 6000 रूपये की राशि दी जा रही थी, जिसे बढ़ाकर अब 9000 रूपये कर दिया गया है। यह वृद्धि एक जुलाई, 2025 से प्रभावित मानी जाएगी।

इससे पहले कैबिनेट की बैठक में सीएम नीतीश कुमार ने ‘मुख्यमंत्री महिला रोजगार योजना’ को मंजूरी दी थी। इस योजना का उद्देश्य राज्य के हर परिवार की एक महिला को उनकी पसंद का रोजगार शुरू करने के लिए आर्थिक सहायता प्रदान करना है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि इस योजना से महिलाओं की आर्थिक स्थिति और मजबूत होगी। साथ ही राज्य के भीतर ही बेहतर रोजगार अवसर उपलब्ध होंगे, जिससे लोगों को मजबूरी में बाहर जाने की आवश्यकता नहीं पड़ेगी।

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