इस साल अब तक 27 प्रतिशत चढ़कर सोने ने दी शेयर को मात, जानें अब आगे कहां तक जाएगा भाव

वर्ल्ड गोल्ड काउंसिल के डेटा के मुताबिक, केन्द्रीय बैंकों की सोने की खरीद में इस साल कुछ गिरावट जरूर आई है. पहले क्वार्टर में जहां 244 टन सोना खरीदा गया, वहीं दूसरे क्वार्टर में यह घटकर 166 टन रह गया.  सोना निवेशकों के लिए हर समय में फायदे का सौदा रहा है. इस साल टैरिफ के चलते दुनियाभर में बनी वैश्विक अनिश्चितताओं के बीच जहां पिछले दो साल में सोना 20 प्रतिशत उछला था, वहीं इस साल अब तक इसका भाव 27 प्रतिशत तक चढ़ चुका है. यानी निवेश के लिहाज से अगर किसी भी अन्य एसेट क्लास से तुलना करें तो सोना ही सबसे दमदार साबित हुआ है.

सोना ने शेयरों को पीछे छोड़ा

सवाल उठता है कि आखिर सोने के मुकाबले इक्विटी और बॉण्ड क्यों पीछे रह गए? अगर इक्विटी की बात करें तो वैश्विक उथल-पुथल के बीच इस साल इनसे केवल 5 से 10 प्रतिशत तक का ही रिटर्न मिला है.
भारत में बीएसई सेंसेक्स और निफ्टी 50 ने करीब 6 प्रतिशत का रिटर्न दिया है. वहीं वैश्विक बाजार में एसएंडपी 500 ने 8 प्रतिशत, नैस्डेक ने 10 प्रतिशत और डाउ 30 ने करीब 5 प्रतिशत का रिटर्न निवेशकों को दिया है. अगर ऋण बाजार (Debt Market) की बात करें तो इसका प्रदर्शन भी इस साल कमजोर ही रहा है. एसएंडपी यू.एस. एग्रीगेट बॉन्ड इंडेक्स ने अब तक (YTD) केवल 5 प्रतिशत की बढ़ोतरी दर्ज की है. वहीं डेट–मीडियम ड्यूरेशन कैटेगरी का औसत रिटर्न अब तक (YTD) 6 प्रतिशत से भी कम रहा है.

10 साल में सोने का प्रदर्शन

पिछले दस सालों में सोने ने औसतन करीब 11 प्रतिशत का रिटर्न दिया है. यानी दस साल में यह 1,111 डॉलर प्रति औंस से बढ़कर अब 3,350 डॉलर प्रति औंस हो चुका है.

सोने में तेजी की वजह

सोने की कीमत में बढ़ोतरी किसी एक कारण से नहीं हुई है. इसके पीछे कई फैक्टर हैं –

बदलते वैश्विक भूराजनीतिक हालात

केन्द्रीय बैंकों की तरफ से सोने की रिकॉर्ड खरीदारी

युद्ध जैसी परिस्थितियां

अमेरिकी पूर्व राष्ट्रपति ट्रंप की तरफ से लगाए गए हाई टैरिफ और बढ़ता यूएस ऋण

इन सभी कारणों से सोने की कीमत में ऐतिहासिक तेजी देखने को मिली है. साथ ही, निवेशकों के मन में अनिश्चितताओं को लेकर बना डर भी सोने की मांग को लगातार बढ़ा रहा है. यही वजह है कि इस साल सोने ने बाकी सभी निवेश विकल्पों से कहीं बेहतर रिटर्न दिया है.

वर्ल्ड गोल्ड काउंसिल के डेटा के मुताबिक, केन्द्रीय बैंकों की सोने की खरीद में इस साल कुछ गिरावट जरूर आई है. पहले क्वार्टर में जहां 244 टन सोना खरीदा गया, वहीं दूसरे क्वार्टर में यह घटकर 166 टन रह गया. हालांकि, रिपोर्ट बताती है कि अगले 12 महीने में केन्द्रीय बैंकों की योजना अपने गोल्ड रिजर्व को 43 प्रतिशत तक बढ़ाने की है.

कहां तक पहुंचेगा सोना?

फिलहाल सोने का भाव 1,00,450 रुपये प्रति 10 ग्राम है, जिसने 23 जुलाई को पहली बार 1 लाख रुपये का स्तर पार किया था. अंतरराष्ट्रीय बाजार में सोना 3,375 डॉलर प्रति औंस पर कारोबार कर रहा है, जो पिछले 12 महीनों में करीब 35 प्रतिशत का रिटर्न है.अब सोने की आगे की राह अमेरिकी अर्थव्यवस्था और वैश्विक व्यापार की स्थिति पर निर्भर करेगी. अगर आर्थिक और राजनीतिक अनिश्चितताएं बनी रहती हैं, तो सोने की कीमत और ऊंचाई छू सकती है.

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