यूपी में एक्शन में BJP, पूर्व सांसद और दो पूर्व जिलाध्यक्ष को कारण बताओ नोटिस जारी

कानपुर देहात के पूर्व जिलाध्यक्ष राजेश तिवारी, मनोज शुक्ला और पूर्व सांसद अनिल शुक्ला वारसी के खिलाफ पार्टी आचरण के विपरीत गतिविधियों को लेकर बीजेपी ने कारण बताओ नोटिस जारी किया है. उत्तर प्रदेश में भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) ने एक्शन लेते हुए कानपुर देहात के पूर्व दो जिला अध्यक्ष और पूर्व सांसद को कारण बताओ नोटिस जारी किया है. इन बीजेपी नेताओं से पार्टी के विरोध में बोलना और सोशल मीडिया पर पोस्ट करने का संज्ञान लेते हुए 7 दिन में जवाब मांगा गया है. प्रदेश अध्यक्ष भूपेंद्र सिंह चौधरी ने कारण बताओ नोटिस जारी किया है और इन्हें बीजेपी मुख्यालय पर 7 दिन में स्पष्टीकरण देना होगा.

कानपुर देहात के पूर्व जिलाध्यक्ष राजेश तिवारी, मनोज शुक्ला और पूर्व सांसद अनिल शुक्ला वारसी के खिलाफ बीजेपी द्वारा जारी किए गए नोटिस में कहा गया है कि आपके विरूद्ध सोशल मीडिया/मीडिया आदि में पार्टी आचरण के विपरीत गतिविधियों/वक्तव्यों की जानकारी प्राप्त हुई है, जो कि पार्टी के विचारों के प्रतिकूल है. आप द्वारा किया गया कृत्य गंभीर अनुशासनहीनता की श्रेणी में आता है. इसका संज्ञान लेते हुए सम्यक विचारोपरान्त प्रदेश अध्यक्ष के निर्देशानुसार आपको कारण बताओ नोटिस जारी किया जाता है. आप अपना स्पष्टीकरण 7 दिवस के अंदर बीजेपी प्रदेश कार्यालय में उपलब्ध कराने का कष्ट करें, समय से स्पष्टीकरण और संतोषजनक उत्तर प्राप्त न होने पर आप पर पार्टी द्वारा अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाएगी.

संतोषजनक जवाब न मिलने पर पार्टी नेताओं के खिलाफ लेगी एक्शन

बता दें कि बीजेपी के प्रदेश महासचिव गोविंद नारायण शुक्ल की ओर से जारी नोटिस में कहा गया है कि इन नेताओं के सोशल मीडिया पोस्ट और बयानों ने पार्टी की छवि को नुकसान पहुंचाया है. अब अगर ये नेता पार्टी मुख्यालय में समय से स्पष्टीकरण और संतोषजनक जवाब नहीं दे पाते हैं तो इनके खिलाफ एक्शन भी लिया जा सकता है. हालांकि 2027 के विधानसभा चुनाव से पहले कानपुर देहात के इस मामले को लेकर उत्तर प्रदेश की सियासी हलचल तेज है.

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