स्क्रैपिंग के नाम पर हो रही लूट… दिल्ली की CM के खिलाफ गुरुग्राम कोर्ट में याचिका दायर

दिल्ली में मोटर वाहन अधिनियम से जुड़े एक मामले में सीएम रेखा गुप्ता, केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी समेत 10 नेताओं और अधिकारियों के खिलाफ याचिका दायर की गई है. यह याचिका  गुरुग्राम की एडिशनल सेशन कोर्ट में दायर की गई है. इसमें दिल्ली सरकार पर वाहनों की जब्ती और स्क्रैपिंग के नाम पर लूट, डकैती, धोखाधड़ी और आपराधिक षड्यंत्र जैसे आरोप लगाए गए हैं. यह याचिका गुरुग्राम के सीनियर एडवोकेट मुकेश कुल्थिया की तरफ से दायर की गई है. उन्होंने कहा कि दिल्ली सरकार पिछले एक दशक से  विभिन्न केंद्रीय एजेंसियां सुप्रीम कोर्ट, राष्ट्रीय हरित प्राधिकरण (NGT) और अन्य संस्थाओं का झूठा हवाला देकर जनता की वैध गाड़ियों को जबदस्ती जब्त कर स्क्रैपिंग एजेंसियों को दे रही है

एडवोकेट ने याचिका में कही ये बातें

एडवोकेट मुकेश कुल्थिया ने कहा कि मोटर वाहन अधिनियम में साफ तौर पर है कि वाहन की वैध उम्र 15 साल है. इसके बाद 5 साल की रिन्युअल की व्यवस्था भी है. इसके बावजूद सरकार और अधिकारी जनता की गाड़ियों को किस हक से जब्त कर रहे हैं? ये जनता की संपत्ति की लूट को दर्शाता है. साथ ही यह संविधान के नियमों को खुला उल्लंघन है

एडवोकेट यही नहीं रुके उन्होंने आगे बताया कि ये कार्रवाई भारतीय संविधान के अनुच्छेद 300ए (संपत्ति का अधिकार), 19(1)(ड) (आवागमन की स्वतंत्रता), 19(1)(ग) (व्यवसाय की स्वतंत्रता) और 21 (जीवन और व्यक्तिगत स्वतंत्रता) का भी उल्लघंन करती है

उन्होंने बताया कि यह मामला पहले 5 जुलाई 2025 को गुरुग्राम की मजिस्ट्रेट अदालत में दायर किया गया था, लेकिन मंजूरी के आभाव में इसे खारिज कर दिया गया. इसके बाद इस आदेश को चुनौती देते हुए एडवोकेट मुकेश कुल्थिया ने एडिशनल सेशन कोर्ट में रिवीजन याचिका को दाखिल किया. इसके बाद कोर्ट ने इसका संज्ञान लिया

एडवोकेट मुकेश कुल्थिया की तरफ से दायर याचिका में दिल्ली की सीएम रेखा गुप्ता, केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी, पूर्व परिवहन मंत्री कैलाश गहलोत, मंत्री मनजिंदर सिंह सिरसा के अलावा गृह सचिव, भारत सरकार गोविंद गोहन, दिल्ली परिवहन विभाग की सचिव/आयुक्त निहारिका राय, पुलिस कमिश्नर संजय अरोड़ा, स्पेशल सीपी ट्रैफिक अजय चौधरी, एडिशनल सीपी ट्रैफिक दिनेश गुप्ता को आरोपी बनाया गया है. इसके अलावा  वीरेंद्र शर्मा सदस्य CQAM को भी आरोपी बताया गया है

NGT ने नवंबर 2014 में दिया था आदेश
NGT ने 26 नवंबर, 2014 को एक आदेश दिया था, जिसमें उन्होंने कहा था कि राजधानी में 15 साल से पुरानी गाड़ियों को सार्वजनिक जगहों पर खड़ा नहीं किया जा सकता है. अगर कहीं भी ऐसी गाड़ियां खड़ी मिलती है तो पुलिस उनको उठाकर ले जाएगी. यह नियम हर तरह की गाड़ियों पर लागू किए जाएंगे चाहे वो बड़ी गाड़ियां हो, छोटी गाड़ियां हो या टूव्हीलर. वहीं SC ने 29 अक्टूबर 2018 में अपने आदेश में कहा कि एंड ऑफ लाइफ (EOL) वाहन NCR में नहीं चलेंगे

इसी साल CQAM ने NGT और SC के आदेशों का हवाला देते हुए रोज बढ़ रहे पॉल्यूशन को कंट्रोल करने को लेकर एक आदेश जारी किया था. इसमें कहा गया कि दिल्ली में 31 जुलाई, 2025 से 10 साल पुराने डीजल वाहनों और 15 साल से पुराने गाड़ियों को 1 जुलाई 2025 से किसी भी पेट्रोल पंप पर पेट्रोल-डीजल नहीं दिया जाएगा. वहीं इसका उल्लघंन करते पाए गए लोगों के खिलाफ सख्त कार्रावाई  की बाक कही गई

दिल्ली में 10 और 15 साल पुराने पेट्रोल और डीजल वाहनों पर लगाए गए ईंधन प्रतिबंध के आदेश को फिलहाल 31 अक्टूबर तक के लिए टाल दिया गया है. इस फैसले के पीछे आम लोगों की बढ़ती नाराजगी और सवालों की अहम भूमिका रही. लोगों का कहना था कि अगर वाहन तकनीकी रूप से फिट है और प्रदूषण नहीं फैला रहा, तो सिर्फ उसकी उम्र के आधार पर उसे बंद करना उचित नहीं है. दरअसल, वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग (CAQM) ने पहले ऐसे वाहनों पर 1 जुलाई से फ्यूल देने पर रोक लगाई थी, लेकिन भारी विरोध के बाद अब यह रोक 1 नवंबर से लागू होगी. दिल्ली के पर्यावरण मंत्री मनजिंदर सिंह सिरसा ने 3 जुलाई को CAQM से कार्रवाई टालने की अपील की थी, जिसके बाद यह फैसला लिया गया

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