
पंजाब सिविल मेडिकल सर्विसेज एसोसिएशन के प्रधान अखिल सरीन ने बताया कि पिछले कुछ महीनों में राज्य की विभिन्न अस्पतालों में हिंसा की कई घटनाएं सामने आई हैं, जो ड्यूटी पर तैनात डॉक्टरों और अन्य स्वास्थ्य कर्मचारियों की जान को खतरे में डाल सकती हैं।
पंजाब सिविल मेडिकल सर्विसेज एसोसिएशन ने राज्य सरकार से मांग की है कि सभी अस्पतालों में 24 घंटे सुरक्षाकर्मी तैनात करने की उनकी मांग को जल्दी पूरा किया जाना चाहिए क्योंकि डॉक्टर भय के माहौल में काम नहीं कर सकते हैं। अस्पतालों में हिंसा की घटनाएं बढ़ती जा रही हैं जिस कारण डॉक्टरों में काफी रोष है।
एसोसिएशन ने इस मांग को पूरा करने के लिए सरकार को 19 अगस्त तक का समय दिया है। सोमवार को एसोसिएशन के पदाधिकारियों की स्वास्थ्य सचिव के साथ बैठक भी होने जा रही है। एसोसिएशन के प्रधान अखिल सरीन ने बताया कि पिछले कुछ महीनों में राज्य की विभिन्न अस्पतालों में हिंसा की कई घटनाएं सामने आई हैं, जो ड्यूटी पर तैनात डॉक्टरों और अन्य स्वास्थ्य कर्मचारियों की जान को खतरे में डाल सकती हैं।
उन्होंने कहा कि हाल ही में उपमंडल अस्पताल तलवंडी साबो में एक घटना सामने आई, जहां एक मरीज ने ड्यूटी पर तैनात स्वास्थ्य कर्मी पर हमला किया और उसे धारदार हथियार से गंभीर रूप से घायल कर दिया। इसी तरह की घटना सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र करतारपुर में पिछले महीने हुई, जब एक मरीज ने आपातकालीन वार्ड में गोलीबारी की।
इसके अलावा उपमंडल अस्पताल सुल्तानपुर लोधी में दो गुटों के बीच टकराव के बाद ड्यूटी पर तैनात डॉक्टर और कर्मचारियों को हिंसक भीड़ से बचने के लिए भागकर खुद को कमरें में बंद करना पड़ा। इसी तरह की घटनाएं कपूरथाला, डेराबस्सी, होशियारपुर, भोलाथ, गुरदासपुर, जगरांव और जीरा के अस्पतालों में भी सामने आईं हैं। सरीन ने स्वास्थ्य मंत्री से तुरंत हस्तक्षेप की मांग की है, ताकि सुरक्षाकर्मी तैनात करने की प्रक्रिया पूरी की जा सके।
उन्होंने कहा कि सरकार ने सभी तरह की प्रक्रिया पूरी भी कर ली थी। स्वास्थ्य विभाग ने वित्त विभाग को इसका प्रस्ताव भी भेज दिया था, लेकिन वित्त विभाग ने हिंसा की सभी घटनाओं और उसके बाद की कार्रवाई को लेकर जानकारी मांगी है। इस तरह सुरक्षाकर्मी तैनात करने का यह प्रस्ताव लटक गया। इस प्रस्ताव को प्रमुखता के आधार पर लागू करने के लिए उचित दिशा-निर्देश जारी करने की जरूरत है।