‘ट्रंप ने 24 बार’, ऑपरेशन सिंदूर पर खरगे के इतना बोलते ही आगबबूला हो गए जेपी नड्डा, कहा- ‘चिल्लाने की जरूरत…’

संसद के मॉनसून सत्र में बीजेपी के कार्यकारी अध्यक्ष जे.पी. नड्डा ने विपक्ष पर जमकर हमला बोला. उन्होंने विपक्ष को निशाने पर लेते हुए कहा कि तर्क में अपनी ताकत होती है, चिल्लाने की जरूरत नहीं होती. संसद के मॉनसून सत्र के दौरान आज (21 जुलाई, 2025) भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के कार्यकारी अध्यक्ष जे. पी. नड्डा ने विपक्ष पर जोरदार हमला बोला. उन्होंने अपनी बात की शुरुआत राज्यसभा में नेता प्रतिपक्ष मल्लिकार्जुन खरगे को जन्मदिन की शुभकामनाएं देकर की, लेकिन इसके बाद सदन में हंगामे का माहौल बन गया. खरगे के ये कहते ही कि ट्रंप ने 24 बार भारत-पाकिस्तान सीजफायर कराने का दावा किया, नड्डा ने जमकर पलटवार किया.

हंगामे के बीच नड्डा ने विपक्ष को निशाने पर लेते हुए कहा, “तर्क में अपनी ताकत होती है, चिल्लाने की जरूरत नहीं होती.” उन्होंने यह टिप्पणी उस समय की जब कांग्रेस नेता मल्लिकार्जुन खरगे ‘ऑपरेशन सिंदूर’ और पहलगाम की घटनाओं की बारीकियों पर चर्चा कर रहे थे.नड्डा ने कहा कि ऑपरेशन सिंदूर के सारे पहलुओं को देश और दुनिया के सामने लाया जाएगा, लेकिन सुरक्षा कारणों से वे सदन में उसकी बारीकियों में नहीं जा सकते. उन्होंने इस अभियान को आजादी के बाद सबसे बड़ा और प्रभावशाली बताया. नड्डा ने कहा, “पीएम मोदी के नेतृत्व में ऐसा ऑपरेशन हुआ है जो आजादी के बाद कभी नहीं देखा गया.” उन्होंने विपक्ष को यह भी संदेश दिया कि सरकार हर मुद्दे पर चर्चा के लिए तैयार है, बशर्ते विपक्ष सार्थक संवाद के लिए तैयार हो.

ऑपरेशन सिंदूर को लेकर क्या बोले राजनाथ सिंह?

संसद के मॉनसून सत्र के दौरान एक बार फिर विपक्षी दलों ने विभिन्न मुद्दों को लेकर जोरदार हंगामा किया. नारेबाजी और शोर-शराबे के बीच सरकार की ओर से रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने स्थिति को संभालते हुए एक बड़ा बयान दिया. उन्होंने विपक्ष को स्पष्ट संदेश देते हुए कहा कि सरकार लोकतांत्रिक परंपराओं और संवाद की भावना के प्रति पूरी तरह प्रतिबद्ध है.

उन्होंने कहा, “हम चर्चा करने के लिए तैयार हैं. कोई भी विषय हो, आप जितनी देर तक चर्चा करना चाहते हैं, बताइए, हम चर्चा के लिए तैयार हैं.” राजनाथ सिंह ने विपक्ष को यह भरोसा दिलाने की कोशिश की कि सरकार कोई भी मुद्दा टालना नहीं चाहती. उन्होंने कहा कि यदि विपक्ष सकारात्मक भावना से चर्चा करना चाहता है तो सरकार पूरे धैर्य और गंभीरता से हर विषय पर चर्चा करने को तैयार है.


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