कांवड़ यात्रा की सुरक्षा को लेकर ‘महाकुंभ’ जैसी तैयारी, मेरठ जोन के 7 जिलों में 12000 कैमरों निगरानी

एडीजी भानु भास्कर ने कहा कि इस बार कांवड़ यात्रा पूरी तरह से नियंत्रित और सुरक्षित वातावरण में संचालित हो रही है, जिसमें स्थानीय प्रशासन और पुलिस बल समन्वय के साथ काम कर रहे हैं. सावन माह के दौरान चल रही कांवड़ यात्रा को लेकर वेस्ट यूपी में सुरक्षा व्यवस्था को अभेद्य बनाया गया है. चप्पे-चप्पे पर सुरक्षा बलों को तैनात किया गया है. एडीजी मेरठ जोन भानु भास्कर ने बताया कि यात्रा की निगरानी महाकुंभ की तर्ज पर की जा रही है. मेरठ जोन के सभी सात जिलों सहारनपुर, मुज़फ्फरनगर, बागपत सहित अन्य में करीब 12,000 सीसीटीवी कैमरे लगाए गए हैं, जिससे पूरे इलाके के निगरानी की जा रही है. 

एडीजी ने कहा कि कांवड़ यात्रा मार्ग पर जगह-जगह कैमरे लगाए गए हैं. जिनकी थानों से लेकर जोन स्तर और लखनऊ स्थित उच्च अधिकारियों द्वारा भी लगातार मॉनिटरिंग की जा रही है. उन्होंने कहा कि अगले कुछ दिनों में चार करोड़ से अधिक श्रद्धालुओं के वेस्ट यूपी से गुजरने की संभावना है, ऐसे में यात्रा को लेकर माइक्रो लेवल पर प्लानिंग की गई है.

कंट्रोल रूम से 24 घंटे हो रही निगरानी
पुलिस कंट्रोल रूम से चौबीसों घंटे निगरानी की जा रही है. हाल ही में सहारनपुर में बाढ़ से सड़क कटने की सूचना कैमरे के माध्यम से मिली थी, जिसके बाद तत्काल संबंधित विभाग को भेजकर व्यवस्था दुरुस्त कराई गई. एडीजी ने बताया कि सहारनपुर की बेहट तहसील में दो स्थानों पर सड़क क्षतिग्रस्त हुई थी, जिसका त्वरित संज्ञान लिया गया.

कांवड़ यात्रा के दौरान पुलिसकर्मियों को ‘मित्र पुलिस’ की भूमिका में तैनात किया गया है. एडीजी ने बताया कि प्रतिदिन सुबह 7 बजे पुलिस अधिकारियों के साथ समीक्षा बैठक होती है और यात्रा से जुड़े सभी पहलुओं पर रणनीति बनाई जाती है. भीड़ प्रबंधन के लिए डेंसिटी मैपिंग की जा रही है, साथ ही भीड़ की दिशा और स्वभाव पर विश्लेषण कर रिसर्च भी की जा रही है. एडीजी भानु भास्कर ने कहा कि इस बार कांवड़ यात्रा पूरी तरह से नियंत्रित और सुरक्षित वातावरण में संचालित हो रही है, जिसमें स्थानीय प्रशासन, पुलिस बल और अन्य एजेंसियां समन्वय के साथ कार्य कर रही हैं.  

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