हम सुप्रीम कोर्ट भी जाएंगे… पुरानी गाड़ियों के फ्यूल बैन के खिलाफ आर-पार की लड़ाई के मूड में दिल्ली सरकार

दिल्ली में डीजल की 10 साल और पेट्रोल की 15 साल पुरानी गाड़ियों पर प्रतिबंध के मामले में दिल्ली सरकार अब सुप्रीम कोर्ट जाने की भी तैयारी कर रही है। खुद मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने रविवार को एक बयान में यह बात कही। रविवार को दिल्ली के उप-राज्यपाल विनय कुमार सक्सेना ने भी सीएम को पत्र लिखकर पुरानी गाड़ियों को फ्यूल ना देने और उन्हें जब्त करने की नीति पर पुनर्विचार करने की अपील की थी। रविवार को इसी संदर्भ में पूछे गए एक सवाल के जवाब में सीएम रेखा गुप्ता ने कहा कि जब सीएक्यूएम ने आदेश दिया कि दिल्ली में एंड ऑफ लाइफ वीइकल को पेट्रोल नहीं दिया जाएगा, तभी से हम लगातार दिल्ली की जनता के लिए चिंतित थे।

उन्होंने कहा कि पिछली सरकारों ने कभी पल्यूशन पर ठीक से काम नहीं किया और उसके कारण से उन्हें बार बार उन्हें कोर्ट की लताड़ भी पड़ती रही। आखिर में जाकर एनजीटी और कोर्ट को इस तरह के कठोर आदेश देने पड़े, मगर अब परिस्थितियां बदल गई है। हमारे पर्यावरण मंत्री ने खुद पत्र लिखकर सीएक्यूएम को बताया है कि दिल्ली में अभी इस तरह का कोई प्रावधान लागू नहीं हो सकता कि जिसमें हम वाहनों को पेट्रोल देने के लिए मना करे।सीएम ने कहा कि अगर पूरे दिल्ली एनसीआर में एक साथ ये नियम लागू होता, तो अलग बात होगी, लेकिन हम दिल्ली में पेट्रोल ना दें और एनसीआर में बंटता रहे। ये नहीं हो सकता। उन्होंने बताया कि दिल्ली सरकार ने 4 महीने में पल्यूशन पर अनेक काम किए हैं और हम चाहते हैं कि सरकार की ओर से जैसे हमने सीएक्यूएम से निवेदन किया है, वैसे ही अब हम सुप्रीम कोर्ट के समक्ष भी प्रस्तुत होकर दिल्ली की जनता की ओर से गुहार लगाएं और उन्हें सरकार की तैयारियों के बारे में बताएं।

सुप्रीम कोर्ट जाने की तैयारी

रेखा गुप्ता ने कहा कि हम दिल्ली की जनता के हक के लिए लड़ाई लड़ेंगे और सुप्रीम कोर्ट से अपील करेंगे कि पूरे देश में वाहनों पर जो पैरामीटर लागू है, वही पैरामीटर दिल्ली में भी लागू हो। सरकार अपना काम करे और प्रशासन अपना काम करे, लेकिन दिल्ली के लोगों को कष्ट ना हो, यही हमारा ध्येय है। इस आदेश को रिव्यू करने के लिए हम सभी एजेंसियों और सुप्रीम कोर्ट के समक्ष प्रस्तुत होकर अपनी बात रखेंगे।

वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग (CAQM) के आदेश पर दिल्ली में 1 जुलाई से उम्र पूरी कर चुकी गाड़ियों के लिए कंप्लीट फ्यूल बैन लागू किया गया था, लेकिन लोगों को हो रही परेशानियों को देखते हुए पर्यावरण मंत्री मनजिंदर सिंह सिरसा ने 3 जुलाई को सीएक्यूएम को पत्र लिखकर बैन पर पुनर्विचार करने की अपील करते अपील करते हुए फ्यूल बैन ड्राइव को तत्काल रोकने की मांग की थी।

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