‘मौसम और इंसान कब बदल जाए कोई भरोसा नहीं’, किसके लिए भावुक हुईं राजे? लिखी भावुक पोस्ट

बीजेपी की कद्दावर नेता और पूर्व सीएम वसुंधरा राजे ने सोशल मीडिया पर एक भावुक पोस्ट लिखी। पूर्ववर्ती एनडीए सरकार में जल संसाधन राज्यमंत्री रहे प्रो. सांवरलाल जाट को याद करते हुए उन्होंने मौजूदा सियासी माहौल पर तंज कसा।

मोदी सरकार के पहले कार्यकाल में जल संसाधन राज्यमंत्री रहे प्रो. सांवरलाल जाट की प्रतिमा का अजमेर के सिरोंज गांव में रविवार को अनावरण किया गया। वसुंधरा राजे भी इस कार्यक्रम में शामिल हुईं। इसके बाद उन्होंने सांवरलाल जाट को याद करते हुए अपने सोशल मीडिया हैंडल एक्स पर एक भावुक पोस्ट लिखी।

राजे ने लिखा कि मौसम और इंसान कब बदल जाए कोई भरोसा नहीं। आजकल राजनीति में लोग नई दुनिया बसा लेते हैं, एक चेहरे पे कई चेहरे लगा लेते हैं, पर प्रो. सांवरलाल जाट ऐसे नहीं थे। वे मरते दम तक मेरे साथ थे। 

उन्होंने आगे लिखा कि भैरोंसिंह शेखावत, स्व. प्रो. सांवरलाल जाट और डॉ. दिगंबर सिंह के चले जाने से बहुत नुकसान हुआ। वे मेरी मदद के लिए हमेशा तैयार रहते थे। मेरी तरह स्व. प्रो. जाट भी राजनीति में पूर्व उपराष्ट्रपति स्व. भैरों सिंह शेखावत की स्कूल के छात्र थे। उनकी अजमेर लोकसभा चुनाव लड़ने की इच्छा नहीं थी पर अनुशासित होने के कारण लड़े और जीते। हमने 2018 में जब किसानों का 50 हजार तक का कर्जा माफ किया तब स्व. सांवरलाल जाट होते तो बहुत खुश होते। अजमेर में बीसलपुर का पानी उन्होंने ही पहुंचाया। उनकी चाह थी कि चम्बल बेसिन का पानी बीसलपुर बांध में डले। हमने 2018 में ईआरसीपी शुरू की, जिससे सांवर जी का सपना पूरा होगा। उनके निधन को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भाजपा और राष्ट्र के लिए एक बड़ी क्षति बताया था। अब उनके पुत्र विधायक रामस्वरूप लांबा उनकी सोच को आगे बढ़ा रहे हैं।

राजे का मास्टर स्ट्रोक थे सांवरलाल जाट
पूर्व मुख्यमंत्री राजे ने कहा कि सांवरलाल जाट और मेरी एक ही पाठशाला थी। हम दोनों ने भैरोंसिंहजी की पाठशाला में पढ़ाई की थी, इसलिए दोनों के विचार भी हमेशा मिलते रहे और साथ में मिलकर काम किया। सांवरलाल जाट राजस्थान सरकार में 1993, 2003 और 2013 में (तीन बार) मंत्री रहे। इसके बाद 2014 में अजमेर से लोकसभा चुनाव जीतने के बाद उन्हें मोदी सरकार में जल संसाधन राज्यमंत्री बनाया। हालांकि मंत्रिमंडल फेरबदल के दौरान उन्हें मंत्री पद से हटा दिया गया था। हार्ट अटैक के बाद उनका दिल्ली एम्स में काफी समय तक इलाज चला और अगस्त 2017 में उनका निधन हो गया। गौरतलब है कि इससे पहले भी वसुंधरा के तीखे और तंज भरे बयानों से सियासी गलियारों में हलचल तेज हो चुकी है।

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