
मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने कहा कि पिछले सामूहिक विवाह के बाद 1900 से अधिक युवकों ने बेटियों से विवाह के लिए आवेदन किया था। इनमें से 11 योग्य युवक हमारी लाड़लियों के जीवनसाथी बने हैं।
राजधानी जयपुर के महिला सदन में रह रहीं 11 बेटियों की शादी शुक्रवार को संपन्न हुई। आयोजन में सीएम भजनलाल शर्मा और मंत्री गहलोत ने सभी बेटियों को आशीर्वाद देकर उन्हें नए जीवन की शुभकामनाएं दीं ।
मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में केन्द्र व राज्य सरकार महिला सशक्तिकरण के लिए निरंतर कार्य कर रही है। महिलाओं के सर्वांगीण विकास के लिए हमारी सरकार कृतसंकल्पित है। उन्होंने कहा कि सामूहिक विवाह सम्मेलन जरूरतमंदों का सहारा बन रहे हैं। ऐसे आयोजन समाज को सकारात्मक दिशा प्रदान करते हैं। उन्होंने कहा कि यह सम्मेलन हमारी सरकार की सामाजिक समावेशन और महिला सशक्तिकरण के प्रति अटूट प्रतिबद्धता का प्रतीक है। यह आयोजन सामाजिक और आर्थिक रूप से वंचित बेटियों के लिए एक नया सवेरा है। इससे उन्हें सम्मान, स्नेह और आत्मनिर्भरता की राह मिली है।
पारदर्शिता से चुने गए योग्य जीवनसाथी
मुख्यमंत्री ने कहा कि पिछले सामूहिक विवाह के बाद 1900 से अधिक युवकों ने यहां की बेटियों से विवाह के लिए आवेदन किया था। इनमें से 11 योग्य युवकों का चयन किया गया, जो आज हमारी लाड़लियों के जीवनसाथी बने हैं। यह चयन प्रक्रिया पारदर्शी रही, इसमें बेटियों के सम्मान और पसंद को सर्वोच्च प्राथमिकता दी गई।
13 हजार से ज्यादा बेटियों को 71 करोड़ रुपये की सहायता
सीएम शर्मा ने कहा कि हमारा दृढ़ संकल्प है कि प्रदेश की हर बेटी, हर महिला न केवल आत्मनिर्भर बने, बल्कि समाज में अपनी विशिष्ट पहचान बनाए। हमारी सरकार ने उनके कल्याण और सशक्तिकरण के लिए अनेक योजनाएं शुरू की हैं, जिनका सीधा लाभ लाखों बालिकाओं और महिलाओं तक पहुंच रहा है। मुख्यमंत्री कन्यादान योजना में विवाह के लिए 21 हजार से 51 हजार रुपये तक की सहायता दी जा रही है। योजना के तहत पिछले डेढ़ वर्ष में 13 हजार से ज्यादा बेटियों को 71 करोड़ रुपये की सहायता दी गई है। लाडो प्रोत्साहन योजना बालिकाओं के जन्म को प्रोत्साहित करने और उनके स्वास्थ्य, शिक्षा और सशक्तिकरण को सुनिश्चित करने के लिए एक गेम-चेंजर साबित हो रही है।