“PM मोदी का प्रिय होने का मतलब ये नहीं कि मैं किसी पार्टी का हूं”, बाबा बागेश्वर ने ऐसा क्यों कहा?

अखिलेश यादव के 50 लाख वाले बयान पर बाबा बागेश्वर ने बिना नाम लिए कहा, हाथी चले बाजार… हम तो अपने हिसाब से कार्य करते रहेंगे, सेवा करते रहेंगे। बागेश्वर धाम के धीरेंद्र शास्त्री ने कई मुद्दों पर खुलकर अपनी राय रखी, जिसमें उन्होंने जातिवाद को देश का सबसे बड़ा कैंसर बताया और एक बार फिर हिंदू राष्ट्र की मांग दोहराई। समाजवादी पार्टी (SP) के अध्यक्ष अखिलेश यादव के 50 लाख वाले बयान पर उन्होंने बिना नाम लिए कहा, हाथी चले बाजार… हम तो अपने हिसाब से कार्य करते रहेंगे, सेवा करते रहेंगे।

“राष्ट्रवाद पर ध्यान देना होगा”

उन्होंने कहा, “अगर भारत को अमेरिका और ऑस्ट्रेलिया जैसा संपन्न बनना है, तो सैन्य शक्ति के साथ-साथ आर्थिक संपन्नता के लिए भी जातिवाद, भाषावाद और क्षेत्रवाद से ऊपर उठकर राष्ट्रवाद पर ध्यान देना होगा। उन्होंने न्यूजीलैंड और ऑस्ट्रेलिया का उदाहरण देते हुए कहा कि ये देश इसलिए संपन्न हैं, क्योंकि वहां के नेता जातिवाद और भेदभाव नहीं फैलाते, क्योंकि वह राष्ट्रीयता पर भरोसा करते हैं।

“भारत तब तक हिंदुस्तान है, जब तक यहां हिंदू हैं”

धीरेंद्र शास्त्री ने कहा भारत तब तक हिंदुस्तान है, जब तक यहां हिंदू हैं और हिंदू जब तक जातिवाद से ऊपर नहीं उठेगा, तब तक कैसे हिंदू राष्ट्र बनेगा। उन्होंने कहा कि उनकी सनातनी परंपरा बहुत व्यापक है, संकुचित नहीं।

“किसी के समर्थक, या पार्टी के नहीं”

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से निकटता के आरोप पर उन्होंने कहा, “हम किसी के समर्थक नहीं हैं, ना ही किसी पार्टी के।” उन्होंने कहा, “माननीय प्रधानमंत्री का प्रिय होने का मतलब यह नहीं है कि हम किसी पार्टी के हैं। वह इस देश के नायक हैं, सबके नायक हैं। प्रधानमंत्री किसी एक का नहीं है, सबका है।” उन्होंने खुद को एक गुरु बताते हुए कहा कि उनका काम मार्गदर्शन देना, सलाह देना और प्रार्थना करना है।

जन्मदिन पर मांगा खास तोहफा

4 जुलाई को अपने 29वें जन्मदिन पर धीरेंद्र शास्त्री ने अपने समर्थकों से कोई व्यक्तिगत उपहार न मांगते हुए एक खास अपील की है। उन्होंने कहा कि अगर कोई उन्हें उपहार देना चाहता है, तो उसकी जगह देश में जगह-जगह अस्पताल बनवाए जाएं। उन्होंने सबका साथ और हिंदू राष्ट्र की बात करते हुए कहा कि वह सबसे भिक्षा’ मांगते हैं कि वे अपने बच्चों को कट्टर हिंदू बनाएं।

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