
ओडिशा के पुरी में श्री गुंडिचा मंदिर के निकट रविवार को मची भगदड़ में कम से कम तीन व्यक्तियों की मौत हो गई और करीब 50 अन्य घायल हो गए। यह जानकारी एक वरिष्ठ अधिकारी ने दी। मुख्यमंत्री मोहन चरण माझी ने इस हादसे को दुर्भाग्यपूर्ण बताया है और हादसे की जांच के निर्देश दिए हैं।
ओडिशा के पुरी जिले में भगवान जगन्नाथ की रथ यात्रा के दौरान रविवार सुबह श्री गुंडिचा मंदिर के पास हुई भगदड़ में तीन श्रद्धालुओं की मौत हो गई, जबकि छह से सात लोग गंभीर रूप से घायल बताए जा रहे हैं। बड़ी संख्या में करीब 50 अन्य लोग भी घायल हुए हैं। यह हादसा उस समय हुआ जब भारी संख्या में भक्त रथ खींचने के बाद सरधाबली इलाके में दर्शन के लिए जुटे हुए थे। पुरी के जिलाधिकारी सिद्धार्थ एस. स्वैन ने बताया कि यह घटना तड़के करीब चार बजे हुई, जब सैकड़ों श्रद्धालु रथयात्रा उत्सव देखने के लिए मंदिर के पास एकत्रित हुए थे।
मंत्री ने बताई हादसे की वजह
ओडिशा के विधि मंत्री पृथ्वीराज हरिचंदन ने घटना की पुष्टि करते हुए कहा यह एक दुर्भाग्यपूर्ण घटना है। हम इसका संज्ञान ले रहे हैं। मैंने आज सुबह सीएम से बात की। हम कड़ी कार्रवाई कर रहे हैं। डीजीपी को मौके पर भेजा गया है। उन्होंने कहा कि, यह घटना भारी भीड़ में दम घुटने की वजह से हुई है। अनियंत्रित भीड़ की चपेट में आने से तीन लोगों की मौत हो गई। छह से सात बुरी तरह से लोग घायल हैं। मैं पुरी जा रहा हूं। मैं फोन पर स्थिति की निगरानी कर रहा हूं। हम भीड़ को नियंत्रित करने की पूरी कोशिश कर रहे हैं। अतिरिक्त पुलिस तैनात की गई है।
हरिचंदन ने कहा, घटना के कारणों की जांच की जा रही है। स्थिति अब नियंत्रण में है और लोग दर्शन कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि राज्य के डीजीपी को घटनास्थल पर भेजा गया है। यह दुर्घटना आज सुबह हुई। मंत्री ने कहा, स्थिति पर नजर रखी जा रही है। उन्होंने कहा कि वह खुद पुरी जा रहे हैं और जिम्मेदार लोगों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
अनियंत्रित भीड़ बनी वजह
हादसा रविवार सुबह करीब 4 बजे हुआ जब जगन्नाथ मंदिर से रथ गुंडिचा मंदिर की ओर सरधाबली पहुंच चुका था। बड़ी संख्या में श्रद्धालु मंदिर के बाहर दर्शन के लिए उमड़ पड़े थे, जिससे भीड़ अनियंत्रित हो गई। मृतकों की पहचान बसंती साहू (बोलागढ़), प्रेमकांत मोहंती और प्रवाती दास (बालिपटना) के रूप में की गई है। शवों को पोस्टमॉर्टम के लिए भेज दिया गया है और पुलिस ने घटना की जांच शुरू कर दी है।
हादसे की वजह बने दो ट्रक?
वहीं अधिकारियों ने बताया कि अनुष्ठान के लिए सामग्री ले जा रहे दो ट्रकों के भगवान जगन्नाथ और उनके भाई भगवान बलभद्र एवं देवी सुभद्रा के रथों के पास भीड़भाड़ वाले स्थान पर घुसने के बाद अफरा-तफरी मच गई। उन्होंने बताया कि घायलों को नजदीकी अस्पताल में भर्ती कराया गया है और छह लोगों की हालत गंभीर है। मृतकों की पहचान बोलागढ़ निवासी बसंती साहू और बालीपटना निवासी प्रेमकांत मोहंती व प्रवती दास के रूप में हुई है। शवों को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया गया है और मामले की जांच की जा रही है।
स्थानीय प्रशासन पर लापरवाही के आरोप
पुरी के रहने वाले स्वाधीन कुमार पंडा का कहना है कि मैं कल रात 2-3 बजे तक मंदिर के पास ही था, लेकिन प्रबंधन ठीक नहीं था। वीआईपी के लिए नया रास्ता बनाया गया था, और आम लोगों को दूर से ही बाहर निकलने को कहा गया था। लोग प्रवेश द्वार से ही बाहर निकलने लगे, जिससे भीड़ बढ़ गई। यातायात व्यवस्था भी ठीक नहीं थी, क्योंकि कई अनधिकृत पास वाले वाहन मंदिर के पास आ गए। प्रशासन ने भीड़ को ठीक से नियंत्रित नहीं किया। सबसे बड़ी समस्या निकास द्वार की थी। आज तीन लोगों की मौत हुई है – 2 महिलाएं, एक पुरुष। इसके लिए ओडिशा प्रशासन जिम्मेदार है। रात में वहां कोई पुलिस, प्रशासन नहीं था।