
जगन्नाथ जो कि भगवान विष्णु का एक रूप हैं। भगवान जगन्नाथ रथ यात्रा में उनके भाई बलभद्र, और बहन सुभद्रा भी शामिल होती हैं। इस रथ यात्रा को एकता, भक्ति, और आध्यात्मिकता का प्रतीक माना जाता है। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने शुक्रवार को वार्षिक भगवान जगन्नाथ रथ यात्रा के शुरू होने के अवसर पर भक्तों को हार्दिक शुभकामनाएं दीं। राष्ट्रपति ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर एक पोस्ट में लिखा, ‘पवित्र रथ यात्रा के अवसर पर मैं भारत और विदेशों में रहने वाले भगवान जगन्नाथ के भक्तों को हार्दिक शुभकामनाएं देती हूं। रथ पर भगवान बलभद्र, भगवान श्री जगन्नाथ, देवी सुभद्रा और चक्रराज सुदर्शन के दर्शन करके लाखों भक्तों को दिव्य आनंद की अनुभूति होती है।’
विश्व में शांति और सद्भाव रहे कायम- मुर्मू
राष्ट्रपति मुर्मू ने अपने संदेश में वैश्विक शांति, मैत्री और सद्भाव के लिए प्रार्थना की। उन्होंने कहा, ‘देवताओं की मानवीय दिव्य लीला ही रथ यात्रा की विशेषता है। इस शुभ अवसर पर मैं भगवान से प्रार्थना करती हूं कि पूरे विश्व में शांति, मैत्री और सद्भाव कायम रहे।’
श्रद्धा और भक्ति का यह पावन उत्सव- पीएम मोदी
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भगवान जगन्नाथ की वार्षिक रथ यात्रा शुरू होने पर बधाई दी है। पीएम मोदी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर एक वीडियो शेयर किया है। इस वीडियो को शेयर करने के साथ ही पीएम मोदी ने एक्स पर लिखा, ‘भगवान जगन्नाथ की रथ यात्रा के पवित्र अवसर पर सभी देशवासियों को मेरी ढेरों शुभकामनाएं। श्रद्धा और भक्ति का यह पावन उत्सव हर किसी के जीवन में सुख, समृद्धि, सौभाग्य और उत्तम स्वास्थ्य लेकर आए, यही कामना है। जय जगन्नाथ!’
आस्था और भक्ति का अनूठा संगम- अमित शाह
इससे पहले आज केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने भी इस अवसर पर देशवासियों को हार्दिक शुभकामनाएं देते हुए इस त्योहार को आस्था और भक्ति का अनूठा संगम बताया है। सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर एक पोस्ट में शाह ने रथ यात्रा के महत्व पर प्रकाश डालते हुए कहा कि यह भक्ति, संस्कृति और विरासत को संजोते हुए आगे बढ़ने का सार प्रस्तुत करती है। शाह ने एक्स पर पोस्ट किया, ‘जय जगन्नाथ! श्री जगन्नाथ रथ यात्रा के पावन पर्व पर सभी को हार्दिक शुभकामनाएं। श्री जगन्नाथ जी की रथ यात्रा आस्था और भक्ति का अनूठा संगम है, जो हमें सिखाती है कि भक्ति, संस्कृति और विरासत को संजोते हुए आगे बढ़ना हमारे अस्तित्व का मूल है। मैं महाप्रभु जगन्नाथ, वीर बलभद्र और माता सुभद्रा से सभी के कल्याण और प्रगति की प्रार्थना करता हूं।’