
राजस्थान के पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने बुधवार को जोधपुर में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान एक बड़ा और सनसनीखेज दावा किया। उन्होंने कहा कि मौजूदा मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा को हटाने की साजिश भाजपा के ही कुछ नेताओं द्वारा रची जा रही है। गहलोत के मुताबिक, यह साजिश न सिर्फ जयपुर, बल्कि दिल्ली तक फैली हुई है, लेकिन मुख्यमंत्री खुद इस खतरे को लेकर अनजान बने हुए हैं।
गहलोत इन दिनों अपने पांच दिवसीय जोधपुर प्रवास पर हैं। उन्होंने सर्किट हाउस में पत्रकारों से बातचीत के दौरान कहा, “मैं कई बार मुख्यमंत्री को चेता चुका हूं, लेकिन वे हमारी बात को गंभीरता से नहीं ले रहे। अगर उन्होंने समय रहते सच्चाई नहीं पहचानी, तो उन्हें ही नुकसान होगा।”
पूर्व मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि एक पहली बार के विधायक को मुख्यमंत्री बनाया जाना एक साहसिक और दूरदर्शी निर्णय था, और बार-बार नेतृत्व बदलने से न तो सरकार को लाभ होता है और न ही जनता को। उन्होंने जोर देकर कहा कि भजनलाल शर्मा को अपना कार्यकाल पूरा करने का अवसर दिया जाना चाहिए।
गहलोत के अनुसार, भाजपा के कुछ वरिष्ठ नेता मौजूदा मुख्यमंत्री से असंतुष्ट हैं और उन्हें हटाकर किसी अन्य चेहरे को आगे लाने की रणनीति पर काम कर रहे हैं। उन्होंने इसे लोकतंत्र और स्थायित्व के खिलाफ बताया और कहा कि अगर युवा नेतृत्व को मौका दिया गया है, तो उसे बिना बाधा कार्य करने देना चाहिए।
बंगाल के मुद्दे पर भी बोले गहलोत
प्रेस वार्ता के दौरान अशोक गहलोत ने भाजपा पर आरोप लगाया कि वह पश्चिम बंगाल में “बांग्लादेशी” का मुद्दा उछालकर अल्पसंख्यकों को निशाना बना रही है। उन्होंने कहा कि बंगाली भाषी मुस्लिम समुदाय को बांग्लादेशी कहकर न केवल अपमानित किया जा रहा है, बल्कि इसके जरिए समाज में नफरत भी फैलाई जा रही है।
आपातकाल पर जवाब: कांग्रेस ने स्वीकार की थी भूल
जब पत्रकारों ने आपातकाल के मुद्दे पर सवाल किया, तो गहलोत ने कहा कि यह सही है कि 1975 में इंदिरा गांधी ने विशेष परिस्थितियों में आपातकाल लगाया था, लेकिन कांग्रेस ने बाद में उसे एक भूल माना और देश की जनता से माफी भी मांगी। उन्होंने कहा, “बार-बार इस पुराने मुद्दे को उछालना राजनीतिक विमर्श को भटकाने का तरीका है।”