दिल्ली-मेरठ के बीच ‘नमो भारत’ का सफल ट्रायल, एक घंटे से भी कम समय में पूरा होगा सफर

नमो भारत कॉरिडोर पर सराय काले खां से मोदीपुरम तक 82KM का ट्रायल सफल रहा. ट्रेन 160KM/H की स्पीड से चली. मेरठ मेट्रो भी इसी ट्रैक पर चलेगी. तकनीकी परीक्षण सफल हुआ. दिल्ली, गाजियाबाद और मेरठ को जोड़ने वाले भारत के पहले अत्याधुनिक नमो भारत कॉरिडोर पर नेशनल कैपिटल रीजन ट्रांसपोर्ट कॉरपोरेशन (NCRTC) ने एक और बड़ी उपलब्धि हासिल की है. सराय काले खां से मोदीपुरम तक की 82 किलोमीटर लंबी यात्रा को एक घंटे से भी कम समय में पूरा कर एक शेड्यूल-बेस्ड ट्रायल रन सफलतापूर्वक संपन्न किया गया.

यह ट्रायल सिर्फ गति का नहीं, बल्कि तकनीकी और परिचालन क्षमताओं का भी परिचायक रहा. इस ट्रायल के दौरान नमो भारत ट्रेनें अपनी अधिकतम ऑपरेशनल स्पीड 160 किलोमीटर प्रति घंटे से चलीं और हर स्टेशन पर नियमित स्टॉप लेते हुए भी समय-सारिणी के अनुसार लक्ष्य को प्राप्त किया. साथ ही मेरठ मेट्रो का संचालन भी समानांतर रूप से किया गया, जिससे सिस्टम की बहुआयामी दक्षता का परीक्षण हुआ.

अभी 55 किलोमीटर के हिस्से पर हो रहा संचालन

इस कॉरिडोर पर दुनिया में पहली बार एलटीई बैकबोन आधारित ईटीसीएस लेवल-3 हाइब्रिड सिग्नलिंग सिस्टम का प्रयोग हुआ, जिसने प्लेटफॉर्म स्क्रीन डोर्स (पीएसडी) के साथ पूरी तरह से समन्वित होकर बेहतरीन प्रदर्शन किया. यह तकनीक ट्रेनों की सुरक्षा, गति और स्वचालित नियंत्रण को नई ऊंचाई पर ले जाती है.

बता दें कि वर्तमान में 55 किलोमीटर का हिस्सा, जिसमें 11 स्टेशन शामिल हैं, पहले ही यात्रियों के लिए चालू है. शेष बचे हिस्से, दिल्ली में सराय काले खां से न्यू अशोक नगर तक 4.5 किलोमीटर और मेरठ में मेरठ साउथ से मोदीपुरम तक 23 किलोमीटर पर भी कार्य तेजी से प्रगति पर है. जल्द ही ये खंड भी यात्री सेवा में शामिल हो जाएंगे.

रीजनल रेल नेटवर्क के इन्फ्रास्ट्रक्चर पर चलने वाली देश की पहली मेट्रो सेवा

विशेष बात यह है कि मेरठ मेट्रो, जो नमो भारत के ही ट्रैक और सिस्टम का उपयोग करेगी, देश की पहली ऐसी मेट्रो सेवा होगी जो रीजनल रेल नेटवर्क के इन्फ्रास्ट्रक्चर पर चलेगी. 23 किलोमीटर लंबे मेरठ मेट्रो सेक्शन में 13 स्टेशन होंगे, जिसमें से 18 किलोमीटर एलिवेटेड और 5 किलोमीटर भूमिगत होगा.

इसका ट्रायल रन भी पूरी गति से जारी है. इस ट्रायल की सफलता सिर्फ तकनीकी परीक्षण नहीं, बल्कि पूरे प्रोजेक्ट की समय पर और सुरक्षित पूर्णता की दिशा में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर है.

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