
सीएम योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर गोरख सिंह प्रकरण की जांच शुरू हो गई है। रेलवे प्रशासन ने परिसर में मौजूद गोरख सिंह की टिनशेड की दुकान व मंदिर को तोड़ दिया था। गोरख सिंह का कहना है कि पुलिस ने उसके ऊपर 11 मुकदमें दर्ज करने के साथ ही उसके खिलाफ गुंडा एक्ट व गैंगस्टर के तहत कार्रवाई की थी। उस समय यह मामला सुर्खियों में आया था। रेलवे प्रशासन की कार्रवाई के बाद गोरख सिंह का परिवार बिखर गया। गोरख सिंह की पत्नी सुशीला देवी पिछले महीने मुख्यमंत्री के जनता दर्शन दरबार में मुख्यमंत्री से मिलीं तथा उनके परिवार के साथ हुई ज्यादती की कहानी उन्हें बताई।
गोरख सिंह का कहना है कि सीएम ने पूरे मामले की जांच कर रिपोर्ट तलब की है। शिकायत की जांच के लिए सीओ जीआरपी गोरखपुर बस्ती आए हैं तथा उनसे मुकदमों से संबंधित विवरण तलब किया गया है। उनका कहना है कि वर्ष 2016 में रेलवे की ओर से की गई कार्रवाई के बाद से उनके चार बेटे व बेटियां उनसे बिछुड़ गए हैं। उनकी कमाई का जरिया टिनशेड की दुकान थी, जिसमें वह बोतल वाला पानी बेचकर अपने परिवार का पेट पालते थे। अचानक उनकी दुकान तोड़कर सब कुछ बर्बाद कर दिया गया। उनके ऊपर जितने मुकदमें दर्ज हैं वह आधारहीन हैं। अब इसकी जांच की जा रही है। उनके खिलाफ एक भी शिकायती पत्र नहीं मिला। सुशीला देवी के प्रकरण को गंभीरता से लेते हुए मुख्यमंत्री ने एक सप्ताह में आख्या मांगी है। सीएम के निर्देश पर उच्चाधिकारियों ने प्रकरण को संज्ञान में लिया। सीओ जीआरपी ने गोरख सिंह के आवास, बस्ती रेलवे स्टेशन परिसर का भ्रमण का मौका मुआयना किया। इसके बाद गोरखपुर सिंह का बयान दर्ज किया।