
पीएम मोदी के नेतृत्व वाले केंद्रीय मंत्रिमंडल में जल्द ही फेरबदल हो सकता है. इस फेरबदल में मुस्लिमों के पसमांदा समाज के सदस्य को मंत्री पद मिलने की उम्मीद जताई जा रही है भारत में इस समय वक्फ संशोधन कानून 2025 और मुस्लिम समुदाय के संबंधित कई तरह की चर्चाओं से बाजार गर्म है. इस बीच अब केंद्रीय कैबिनेट में मुस्लिम चेहरे की कमी का मुद्दा भी फिर से उठने लगा है. विपक्ष की ओर अक्सर इस बात की आलोचना की जाती है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली केंद्र कैबिनेट में एक भी मुस्लिम चेहरा नहीं है.
हालांकि, भाजपा के नेतृत्व वाली एनडीए सरकार के मंत्रिमंडल में कथित तौर पर मई और जुलाई महीने के बीच होने वाले फेरबदल में इस समस्या को सुलझाने पर विचार कर रही है. पार्टी सूत्रों के हवाले से न्यू इंडियन एक्सप्रेस ने लिखा है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अपने सत्ता मंत्र ‘सबका साथ, सबका विकास’ के तहत पसमांदा समुदाय के एक मुस्लिम सदस्य को मंत्रिमंडल में शामिल करने पर विचार कर रहे हैं. वहीं, मंत्रिमंडल में पसमांदा समुदाय के सदस्य के अल्पसंख्यक मामलों के मंत्रालय में राज्य मंत्री के तौर पर शामिल किए जाने की उम्मीद है.
NDA में इन दो नेताओं के नाम की हो रही चर्चा
फिलहाल, भारतीय जनता पार्टी में इस पद के लिए दो प्रमुख नामों की चर्चा हो रही है. उनमें एक गुलाम अली खटाना है, जो राज्यसभा सांसद हैं और दूसरे हैं जमाल सिद्दीकी, जो पार्टी के अल्पसंख्यक मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष हैं.
ऐसे में अगर नेतृत्व जमाल सिद्दीकी को केंद्रीय मंत्रिमंडल में शामिल करता है तो पार्टी की तरह से उन्हें बाद में राज्यसभा से टिकट मिल सकता है. जमाल सिद्दीकी महाराष्ट्र के रहने वाले हैं जबकि राज्यसभा सांसद गुलाम अली खटाना जम्मू-कश्मीर के निवासी है.
पसमांदा समुदाय से हो सकता है उम्मीदवार
BJP के सीनियर नेता ने कहा, “केंद्रीय मंत्रिमंडल में फेरबदल में जिस व्यक्ति को चुना जाएगा, उसके पसमांदा समुदाय से होने की उम्मीद है, जिसे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी राष्ट्रीय स्तर पर मुख्यधारा में लाने का जोर दे रहे हैं.”