
छत्तीसगढ़ सरकार ने 2021 से लेकर 2024 तक अपने हवाई किराए में 200 करोड़ से भी जायदा रुपए खर्च कर दिए है। यह जानकारी छत्तीसगढ़ के सीएम विष्णुद्व साय ने बुधवार 5 फ़रवरी को छत्तीसगढ़ विधानसभा बजट सत्र की कार्यवाही के दौरान कांग्रेस विधायक इंद्र साव के सवाल के जबाव में दी है।
सरकार ने किन-किन निजी कंपनियों से हेलीकाप्टर किराये पर लिया
दरअसल, कांग्रेस विधायक इंद्र साव ने छत्तीसगढ़ विधानसभा में सवाल पूछा कि छत्तीसगढ़ शासन के विमानन विभाग ने वर्ष 2021-22 से 2024-25 (31 जनवरी 2025) तक किन-किन निजी कंपनियों से हेलीकाप्टर किराये पर लिया। इन कंपनियों को किस दर पर राशि का भुगतान किया गया। इसके अलावा क्या विमानन विभाग ने शासकीय विमान की खरीदी की थी। यही नहीं वर्तमान में यह विमान उपयोग में है या नहीं?
सवाल का जवाब देते हुए सीएम विष्णुदेव साय ने कहा कि, राज्य शासन द्वारा समय-समय पर टेण्डर के जरिए निजी कंपनियों से हेलीकॉप्टर किराए पर लिया जाता है। राज्य शासन ने साल 2006-07 में डबल ईंजन युक्त शासकीय विमान – King Air B-200, VT-CTG की खरीदी की थी। यह विमान दिसंबर 2006 से उपलब्ध है।
वर्ष 2021-22 में ढिल्लन एविएशन प्राइवेट लिमिटेड, गुड़गांव, हरियाणा से 11 बार हेलीकॉप्टर किराए पर लिया गया था, जिसके एवज में 6 करोड़ 66 लाख 42 हजार 783 रुपए का भुगतान किया।
एयर किंग चार्टर प्राइवेट लिमिटेड से 21 बार हेलीकॉप्टर किराए पर लिया था, जिसके एवज में 18 करोड़ 15 लाख 92 हजार 159 रुपए का भुगतान किया गया।
एयर किंग चार्टर प्राइवेट लिमिटेड से 16 बार हेलीकॉप्टर किराए पर लिया गया था, जिसके एवज में 18 करोड़ 71 लाख 29 हजार 947 रुपए का भुगतान किया गया।
इसी तरह वर्ष 2022-23 में ढिल्लन एविएशन प्राइवेट लिमिटेड, गुड़गांव, हरियाणा से 41 बार हेलीकॉप्टर किराए पर लिया गया था, जिसके एवज में 59 करोड़ 99 लाख 44 हजार 105 रुपए का भुगतान किया गया।
एयर किंग चार्टर प्राइवेट लिमिटेड से 16 बार हेलीकॉप्टर किराए पर लिया गया था, जिसके एवज में 18 करोड़ 71 लाख 29 हजार 947 रुपए का भुगतान किया गया।
2023-24 में ढिल्लन एविएशन प्राइवेट लिमिटेड, गुड़गांव, हरियाणा से 51 बार हेलीकॉप्टर किराए पर लिया गया था, जिसके एवज में 89 करोड़ 50 लाख 33 हजार 999 रुपए का भुगतान किया गया।
2024-25 में ढिल्लन एविएशन प्राइवेट लिमिटेड, गुड़गांव, हरियाणा से 37 बार हेलीकॉप्टर किराए पर लिया गया था, जिसके एवज में 56 करोड़ 11 लाख 99 हजार 825 रुपए का भुगतान किया गया।