
केंद्र सरकार के फैसले के विरोध में केरल में मछुआरा संघों ने 24 घंटे की हड़ताल का आयोजन किया. विरोध प्रदर्शन के कारण तटीय क्षेत्रों में मछली संबंधी केंद्र और मछली बाजार प्रभावित हुए. केरल विधानसभा में मंगलवार (04 मार्च, 2025) को एक प्रस्ताव पारित किया गया जिसमें केंद्र सरकार से राज्य के तट पर गहरे समुद्र में खनिज खनन की अनुमति देने के अपने कदम को वापस लेने की अपील की गई है.
केरल के मुख्यमंत्री पिनराई विजयन की तरफ से पेश प्रस्ताव विपक्षी संयुक्त लोकतांत्रिक मोर्चा (यूडीएफ) विधायकों के हंगामे के बीच पारित किया गया. यूडीएफ विधायकों ने विधानसभा अध्यक्ष पर सत्तारूढ़ दल के एजेंट के रूप में काम करने का आरोप लगाते हुए उनके सामने विरोध प्रदर्शन किया.
केंद्र के फैसले का विरोध कर रही केरल सरकार
यूडीएफ विधायकों के विरोध के कारण गहरे समुद्र में खनन संबंधी प्रस्ताव बिना चर्चा के पारित कर दिया गया. केरल सरकार पहले ही स्पष्ट कर चुकी है कि राज्य के तट पर गहरे समुद्र में खनन शुरू करने के केंद्र के कदम को किसी भी कीमत पर अनुमति नहीं दी जा सकती और इस संबंध में राज्य के मछुआरा समुदाय की चिंता से केंद्र सरकार को पहले ही अवगत करा दिया गया है.
सत्तारूढ़ दल ने विपक्षी कांग्रेस नीत यूडीएफ से भी प्रस्तावित गहरे समुद्र में खनन के खिलाफ आंदोलन में शामिल होने की अपील की थी लेकिन यूडीएफ ने संयुक्त विरोध प्रदर्शन के निमंत्रण को ये कहते हुए खारिज कर दिया कि वाम सरकार खनन पहल का समर्थन कर रही है. यूडीएफ का कहना है कि वो केंद्र के इस कदम के खिलाफ अलग से विरोध प्रदर्शन करेगी.
मछुआरा संघों ने किया हड़ताल का आयोजन
केरल सरकार ने पिछले महीने विधानसभा में कहा था कि गहरे समुद्र में खनन से भविष्य में पारंपरिक समुद्री और बैकवाटर मछली भंडार पूरी तरह खत्म हो जाएगा. प्रदेश के उद्योग मंत्री पी राजीव ने हाल ही में कहा था कि केरल ने गहरे समुद्र में खनन प्रस्ताव के खिलाफ 3 बार औपचारिक रूप से अपना विरोध दर्ज कराया है.
पिछले महीने, केंद्र सरकार के निर्णय के विरोध में केरल मत्स्य समन्वय समिति के तहत मछुआरा संघों ने 24 घंटे की हड़ताल का आयोजन किया. विरोध प्रदर्शन के तहत मछुआरों ने मछली पकड़ने की गतिविधियों से परहेज किया, जिसके कारण तटीय क्षेत्र में मछली संबंधी केंद्र और मछली बाजार प्रभावित हुए. समिति के नेताओं के अनुसार केंद्र ने पांच क्षेत्रों (कोल्लम दक्षिण, कोल्लम उत्तर, अलप्पुझा, पोन्नानी और चवक्कड़) में अपतटीय खनन के लिए रेत ब्लॉकों की नीलामी करने का निर्णय लिया है. विरोध प्रदर्शन के तहत समिति ने 12 मार्च को संसद मार्च आयोजित करने की योजना भी बनाई है.