महाकुंभ आए भक्त अजय भदौरिया की कहानी, मां गंगा की रही विशेष कृपा, जीवन में मिले 3 अनमोल तोहफे

कन्नौज के रहने वाले अजय सिंह भदौरिया ने कहा कि उनके परिवार पर मां गंगा की विशेष कृपा रही है. वो हर साल प्रयागराज आते हैं. मां गंगा की कृपा से उन्हें अनमोल तोहफे भी मिले हैं. प्रयागराज में आयोजित महाकुंभ को लेकर देशभर  में लोगों में जबरदस्त उत्साह देखने को मिल रहा है. लोग इस पवित्र भूमि पर आकर त्रिवेणी के संगम में डुबकी लगाकर पुण्य कमा रहे हैं. कन्नौज के रहने वाले अजय सिंह भदौरिया के लिए तो ये तीर्थ नगरी और भी खास हैं. वो हर साल माघ महीने में संगम नगरी आते रहे हैं. यहां आकर उन्हें जिंदगी में कई अनमोल तोहफे भी मिले हैं. 

अजय सिंह भदौरिया यूपी के कन्नौज जिले में तिरवा रोड स्थित हुसैन नगर रहने वाले हैं. उनका कहना है कि तीर्थनगरी प्रयागराज का उनके जीवन में बहुत महत्व हैं. वो पहली बार जब वो संगम नगरी आए थे तो उन्हें पहली बार मां गंगा से संतान प्राप्ति की कामना की थी, जिसे गंगा मइया ने पूरा किया, इसे संयोग माना जाए या कुछ और मां गंगा का आशीर्वाद उनकी एक बेटी और एक बेटे का जन्म इसी प्रयागराज में हुए. 

तीर्थ नगरियों में हुआ बच्चों का जन्म
ईश्वर के प्रति उनकी इतनी आस्था है कि उनके जीवन में दैवीय शक्तियों का हमेशा आशीर्वाद रहा. उनकी दूसरी बेटी का जन्म भी तीर्थनगरी सीतापुर के नैमिषारण्य में हुआ. अजय भदौरिया की चार संतानें हैं जिनमें से तीन का जन्म तीर्थ क्षेत्र में हुआ जबकि एक छोटे बेटे का जन्म का घर पर हुआ है. 

अजय भदौरिया इस बार भी महाकुंभ में संगम नगरी पहुंचे हैं. उन्होंने बताया कि चाहे माघ मेला हो या अर्धकुंभ और महाकुंभ, वो हमेशा प्रयागराज में स्नान के लिए आते हैं. 1995 में जब वो पहली बार आए थे तो उन्हें एक बेटी प्राप्ति हुई, जिसका नाम उन्होंने गंगा रखा है. साल 1998 में दूसरी बेटी का जन्म नैमिषारण्य में हुआ जिसका नाम उन्होंने गोमती रखा है. तीसरे बेटे का जन्म भी प्रयागराज में हुई जब वो परिवार के साथ 2001 में कुंभ स्नान के लिए आए थे. जिसका नाम उन्होंने संगम रखा है. हालांकि चौथी संतान बेटे का जन्म घर में हुआ जिसका नाम उन्होंने राघव रखा. अजय के मुताबिक़ उनकी बेटियों की शादी हो चुकी है. एक बेटा गुजरात में प्राइवेट कंपनी में काम करता है जबकि छोटा बेटा अभी बीएससी की पढ़ाई कर रहा है. वो अपने बच्चों को मां गंगा का प्रसाद और आशीर्वाद मानते हैं. 

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