Republic Day 2025: छत्रसाल स्टेडियम में गणतंत्र दिवस समारोह के मौके पर सीएम आतिशी ने कहा कि आज बाबासाहेब अंबेडकर को सम्मानित करने का भी क्षण है, जिन्होंने हमें स्वतंत्रता के बाद संविधान दिया.
दिल्ली की मुख्यमंत्री और कालकाजी विधानसभा सीट से आम आदमी पार्टी की उम्मीदवार आतिशी ने आज शनिवार (25 जनवरी) को छत्रसाल स्टेडियम में राष्ट्रीय ध्वज फहराया. इस दौरान 76वें गणतंत्र दिवस की शुभकामनाएं देते हुए सीएम आतिशी ने दिल्लीवासियों को संबोधित किया. उन्होंने कहा कि आज स्वतंत्रता सेनानियों को याद करने का समय है जिन्होंने भारत की स्वतंत्रता के लिए अपने प्राणों की आहुति दी.
छत्रसाल स्टेडियम में गणतंत्र दिवस समारोह में उपस्थित लोगों को संबोधित करती हुई सीएम आतिशी ने कहा, “76वें गणतंत्र दिवस पर सभी दिल्लीवासियों और देश के नागरिकों को हार्दिक शुभकामनाएं. इस दिन को मनाते हुए उन स्वतंत्रता सेनानियों को याद करने का समय है जिन्होंने भारत की स्वतंत्रता के लिए अपने प्राणों की आहुति दी. यह बाबासाहेब अंबेडकर को सम्मानित करने का भी क्षण है, जिन्होंने हमें स्वतंत्रता के बाद संविधान दिया.”
आतिशी ने स्वतंत्रता सेनानियों को किया याद
उन्होंने कहा, “आज उन लाखों लोगों को याद करने का समय है, जिन्होंने एक आजाद भारत के सपने को देखा और उन सपनों के लिए अपनी जान भी कुर्बान कर दी. जब भारत अंग्रेजों के पास था, तो भारत बहुत अलग था. तब लोगों के पास किसी भी तरह के अधिकार नहीं थे. अपने प्रतिनिधि चुनने के अधिकार नहीं थे, अपनी बात रखने का अधिकार नहीं था. सबसे बड़ी बात जो भारत के संसाधन थे उनपर उनका अधिकार नहीं था.”
अंग्रेज यहां के संसाधन देश के बाहर ले जाते थे- आतिशी
आतिशी ने कहा, “हजारों सालों से कहा जाता था कि भारत सोने की चिड़िया है. भारत के जो संसाधन थे, चाहे वो भारत की मिट्टी हो या पानी, पहाड़ और जंगल हो वो, भारत जैसा देश पूरी दुनिया में कहीं और नहीं था. लेकिन जब अंग्रेजों का राज था तो ये संसाधन यहां के लोगों के लिए नहीं इस्तेमाल किया जाता था. अंग्रेज ये संसाधन देश के बाहर ले जाते थे, देश के बच्चों को अच्छी शिक्षा नहीं मिलती थी, देश के लोगों को अच्छा इलाज नहीं मिलता था. देश के युवाओं को रोजगार नहीं मिलता था, क्योंकि भारतवासियों की सरकार देश के लोग नहीं चुनते थे.”
उन्होंने कहा, “इसलिए हमारे देश के लोगों के अधिकार के लिए हमारे स्वतंत्रता सेनानियों ने लड़ाई लड़ी. हमें आजादी मिली और इस सपने के साथ संविधान लिखा गया कि ऐसा देश बनाएंगे जहां कोई भेदभाव नहीं होगा. लोकतंत्र में सबको समान हिस्सेदारी का अधिकार होगा. मुझे खुशी है और गर्व है कि आज दिल्ली सरकार स्वतंत्रता सेनानियों और बाबा साहब के सपने को पूरा करने के लिए दिन रात मेहनत कर रही है. यह मेहनत हमारी जिम्मेदारी है.”