महाकुंभ 2025 में आगामी स्नान की तैयारियों का जायजा सीएम योगी ने लिया। उन्होंने कहा कि देश-विदेश से श्रद्धालुओं का आगमन हो रहा है। विदेशी पर्यटक भी संगम स्नान कर अभिभूत हैं। महाकुंभ का संदेश है कि एकता से ही देश अखंड रहेगा। 29 जनवरी को मौनी अमावस्या और 3 फरवरी को वसंत पंचमी को दो बड़े महास्नान होने हैं। राष्ट्रपति उपराष्ट्रपति प्रधानमंत्री और गृहमंत्री का भी कार्यक्रम प्रस्तावित है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने रविवार को प्रयागराज में मौनी अमावस्या और वसंत पंचमी अमृत स्नान पर्व की तैयारियों की समीक्षा की। समीक्षा के बाद पत्रकारों से वार्ता में मुख्यमंत्री ने कहा कि देश तथा दुनिया से बड़ी संख्या में श्रद्धालु महाकुंभ आ रहे हैं।
विदेशी श्रद्धालु भी संगम स्नान कर अभिभूत नजर आए हैं। यूरोप से जुड़े कुछ पर्यटक मिलने आए थे और प्रयागराज की महिमा का जिस भाव से गान कर रहे थे, अभिभूत करने वाला है। वे हिंदी नहीं जानते, संस्कृत नहीं जानते, लेकिन हिंदी की चौपाई, संस्कृत के मंत्रों, अवधी में चौपाइयों और सनातन धर्म से जुड़े स्त्रोत और मंत्रों को सस्वर गा रहे थे।
मां गंगा और यहां के धामों के प्रति एक श्रद्धा का भाव उनमें देखने को मिल रहा था। महाकुंभ का एक ही संदेश, एकता से ही अखंड रहेगा यह देश। एकता और अखंडता के संदेश के साथ हम सभी जुड़ रहे हैं। यही तो प्रधानमंत्री का संदेश है। मुख्यमंत्री ने कहा कि महाकुंभ पूरी भव्यता के साथ आयोजित हो रहा है। प्रधानमंत्री ने जो विजन दिया है, उसको स्थानीय स्तर पर लागू करने के लिए सभी लोग पूरी प्रतिबद्धता से कार्य कर रहे हैं। पौष पूर्णिमा और मकर संक्रांति के मुख्य स्नान संपन्न हो चुके हैं और अब 29 जनवरी को मौनी अमावस्या और तीन फरवरी को वसंत पंचमी, दो बड़े महास्नान होने हैं, जो इस महाकुंभ की शोभा भी हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि आगामी महास्नान को ध्यान में रखते हुए पूरी व्यवस्था का अवलोकन किया है। मुझे पूरा विश्वास है कि तीर्थराज प्रयागराज और मां गंगा की कृपा से हम लोग यहां पर इन दोनों अमृत स्नान पर्वों को सकुशल संपन्न करने में सफल होंगे।
राष्ट्रपति, उपराष्ट्रपति व प्रधानमंत्री भी आएंगे
मुख्यमंत्री ने जानकारी दी कि महाकुंभ में राष्ट्रपति, उपराष्ट्रपति, प्रधानमंत्री व गृहमंत्री का कार्यक्रम भी प्रस्तावित है। पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविन्द इस समय महाकुंभ मेला क्षेत्र में ही हैं। तमाम राज्यों के राज्यपाल, मुख्यमंत्री लगातार यहां आ रहे हैं। उच्चतम न्यायालय और उच्च न्यायालय से जुड़े हुए न्यायमूर्ति और विभिन्न राज्यों से जुड़े जनप्रतिनिधि भी लगातार यहां आकर स्नान कर रहे हैं। कहा कि मकर संक्रांति और पौष पूर्णिमा के दिन हमें यह सौभाग्य नहीं मिल सका कि हम भी यहां स्नान कर सकें, क्योंकि हम लोगों ने खुद को प्रतिबंधित कर रखा था। केवल संतों और श्रद्धालुओं के लिए यह सुविधा थी। जो भी यहां आया, उन्होंने मीडिया के माध्यम से जो भी बातें कहीं और खासतौर पर संतों और श्रद्धालुओं की भावना को हम सभी ने जाना।