3.50 करोड़ श्रद्धालुओं ने लगाई आस्था की डुबकी, सीएम योगी ने दी जानकारी

प्रयागराज में का विराट स्वरूप आज दिख रहा है। महाकुंभ 2025 का पहला अमृत स्नान पर्व मकर संक्रांति के मौके पर मनाया जा रहा है। महाकुंभ को लेकर सभी 13 अखाड़ों के साधु, संत और संन्यासियों में उत्साह दिख रहा है। महाकुंभनगर के टेंट सिटी में उत्साह और उमंग देखते ही बन रहा है। इससे पहले पौष पूर्णिमा शाही स्नान के मौके पर करीब एक करोड़ 65 लाख से अधिक श्रद्धालुओं ने संगम तट पर डुबकी लगाई। मकर संक्रांति के मौके पर यह आंकड़ा चार से पांच करोड़ तक पहुंचने का अनुमान है। वहीं, अखाड़ों के अमृत स्नान के भव्य और दिव्य नजारे को देखने के लिए लोग जुट रहे हैं।

शंकराचार्य मौनी अमावस्या पर करेंगे स्नान

महाकुंभ 2025 के प्रथम अमृत स्नान के मौके पर शंकराचार्यों ने स्नान नहीं किया। इस विषय पर अब स्थिति सामने आई है। सभी शंकराचार्य मौनी अमावस्या पर स्नान करेंगे। प्रयागराज में शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती मौजूद हैं। हालांकि, शंकराचार्य अमृत स्नान में शामिल नहीं हुए। मनकामेश्वर मंदिर के आचार्य स्वामी श्रीधरानंद ब्रह्मचारी ने इस संबंध में बताया कि शंकराचार्य परपंरागत रूप से मौनी अमावस्या के स्नान में शामिल होंगे।

सीएम योगी ने कहा, 3.50 करोड़ लोगों ने किया स्नान

महाकुंभ के दौरान पहले अमृत स्नान पर संगम में डुबकी लगाने वालों का आधिकारिक आंकड़ा सामने आया है। मकर संक्रांति के मौके पर पहले अमृत स्नान के दौरान संगम तट पर 3.50 करोड़ से अधिक लोग पहुंचे। सीएम योगी आदित्यनाथ ने इस संबंध में जानकारी दी। सीएम योगी ने सोशल मीडिया एक्स पर किए पोस्ट में लिखा कि आस्था, समता और एकता के महासमागम ‘महाकुम्भ-2025, प्रयागराज’ में पावन ‘मकर संक्रांति’ के शुभ अवसर पर पवित्र संगम में आस्था की पवित्र डुबकी लगाने वाले सभी पूज्य संतगणों, कल्पवासियों और श्रद्धालुओं का हार्दिक अभिनंदन है। प्रथम अमृत स्नान पर्व पर आज 3.50 करोड़ से अधिक पूज्य संतों-श्र‌द्धालुओं ने अविरल-निर्मल त्रिवेणी में स्नान का पुण्य लाभ अर्जित किया।

गिनीज बुक में दर्ज होगा महाकुंभ स्नान

यूपी सरकार के मंत्री सुरेश खन्ना ने कहा कि गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में महाकुंभ स्नान दर्ज होगा। उन्होंने कहा कि दुनिया का सबसे बड़ा समागम महाकुंभ है। उन्होंने कहा कि पहले दिन 1 करोड़ 65 लाख लोगों ने स्नान किया सुरेश खन्ना ने कहा कि यूनेस्को ने मानवता की अमूर्त सांस्कृतिक धरोहर बताया। साथ ही, उन्होंने प्रदेश और देशवासियों को मकर संक्रांति की बधाई दी है।

Related Articles

Back to top button