HC ने पॉक्सो मामले में दोषी को किया बरी, जेल में 7 साल की सजा काट चुका था शख्स

दिल्ली हाईकोर्ट ने पॉक्सो से जुड़े एक मामले में आजीवन कारावास की सजा काट रहे दोषी की सजा खत्म कर दी। इस दौरान कोर्ट ने कहा कि दोषी पहले ही सात साल की सजा काट चुका है। ऐसे में उसे अतिरिक्त समय के लिए जेल में रखना उचित नहीं होगा। ट्रायल कोर्ट ने पीड़िता के बयान को नजरअंदाज करते हुए दोषी को आजीवन कारावास की सजा सुनाई थी। दिल्ली हाईकोर्ट ने पॉक्सो मामले में आजीवन कारावास की सजा काट रहे एक दोषी की सजा खत्म करते हुए कहा कि दोषी पहले ही सात वर्ष की सजा काट चुका है। न्यायमूर्ति प्रतिबा एम सिंह और न्यायमूर्ति अमित शर्मा की पीठ ने कहा कि ट्रायल कोर्ट ने पीड़िता के बयान को नजर अंदाज करते हुए दोषी को आजीवन कारावास की सजा दे दी थी।

क्या है पूरा मामला?

आरोपित के खिलाफ केवल छेड़खानी और पॉक्सो की अन्य धाराओं में ही आरोप सत्य पाए गए हैं। जिनमें सजा की अवधि सात वर्ष की कैद है और दोषी पहले ही सात वर्ष की जेल की सजा काट चुका है। ऐसे में उसे अतिरिक्त समय के लिए जेल में रखना उचित नहीं होगा।अदालत ने दोषी की सजा को संशोधित करते हुए उसकी आजीवन कारावास की सजा को खत्म कर दिया। दोषी को तीस हजारी कोर्ट ने आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई थी। अदालत ने आरोपित को पॉक्सो की धारा छह के तहत सजा दी थी। जबकि पीड़िता के बयानों के आधार पर स्पष्ट था कि आरोपित के खिलाफ छेड़खानी का ही आरोप सत्य पाया गया था।

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