भीषण कोहरे ने रोक दी दौसा की रफ्तार, मावठ की आगोश में राजस्थान के कई जिले, धुंध के कारण जीरो हुई विजिबिलिटी

पारे में गिरावट से बढ़ा सर्दी का असर, शीतलहर ने छुड़ाई कंपकंपी; विजिबिलिटी  50 मीटर - दैनिक भास्कर | Dainik Bhaskar

दौसा जिले में शीत लहर का दौर लगातार जारी है इसके चलते लोगों की दिनचर्या पूरी तरह प्रभावित है वहीं पूरा जिला कोहरे की आगोश में है जिसके चलते विजिबिलिटी भी काफी कम है जिससे हाईवे पर सरपट दौड़ने वाले वाहन चालकों को भी वाहन चलाने में परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. राजस्थान का दौसा जिला पूरा कोहरे की आगोश में है, जिसके कारण शीत लहर का दौर जारी है. ठंड के चलते लोगों की दिनचर्या प्रभावित हुई है. कोहरे के कारण विजिबिलिटी कम हो गई है, जिससे वाहन चालकों को अदृश्यता कम होने से परेशानी हो रही है. हाईवे पर वाहनों की रफ्तार धीमी हो गई है. मौसम विभाग ने भी आज बारह जिलों में यलो अलर्ट जारी किया है. सर्दी और शीत लहर के चलते लोगों का घर से निकलना मुश्किल हो गया है. वाहनों की रफ्तार धीमी हो गई जिसके चलते वहान रेंग रेंग कर चल रहे हैं वही सर्दी और कोहरे के चलते शहरों की सड़के भी सुनी नजर आ रही है लोग सर्दी से बचाव के लिए अलाव का और गर्म पेय पदार्थ का सहारा ले रहे हैं. तो वही मौसम विभाग का भी आज प्रदेश के एक दर्जन जिलों में येलो अलर्ट है ठंड को लेकर कलेक्टर देवेंद्र कुमार ने भी जिले के लोगों से अपील करते हुए कहा सावधानी रखें जरूरत पड़ने पर ही घर से बाहर निकले और मौसम की जानकारी के लिए सचेत ऐप को डाउनलोड करें ताकि मौसम की सभी गतिविधियों की जानकारियां मिलती रहे. वहीं नगर निकायों को भी रैन बसेरे की व्यवस्थाएं दुरुस्त रखने के सख्त निर्देश दिए गए हैं ताकि वहां रुकने वाले लोग सर्दी से परेशान नहीं हो वहीं जिले के स्वास्थ्य महकमे द्वारा भी अपील जारी की गई है सर्दी में पूरे शरीर को गर्म कपड़ों से ढककर रखें गर्म तरल पेय पदार्थ का सेवन करें साथ ही कोई भी शारीरिक परेशानी होने पर तत्काल समीप के चिकित्सालय पहुंचकर उपचार लें. प्रतापगढ़ जिले में बादल छंटने के साथ ही ठिठुरन रहने लगी है. दिनभर शीतलहर और ठिठुरन जारी रही, जिससे लोग परेशान रहे. रविवार को सुबह से आसमान में बादल छाए रहे, जो दोपहर तक छंट गए. इसके साथ ही सर्दी का असर और भी बढ़ गया. अलसुबह कई इलाकों में धुंध के साथ फसलों पर ओस की बूंदे देखी गईं. हाड़ कंपाने वाली सर्दी से ठिठुरन बढ़ गई. लोग अलाव का सहारा लेते दिखाई दिए. शहरी इलाके के साथ गांवों में दिन में अलाव जलाकर सर्दी से बचाव का जतन किया गया. शाम को बाजारों में चहल-पहल कम हो गई, जिससे बाजार सूने हो गए. गर्म खाद्य वस्तुओं की मांग भी काफी बढ़ गई.

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