सनातन धर्म रक्षा संघ अजमेर ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से उर्स उत्सव के दौरान अजमेर में ख्वाजा गरीब नवाज की दरगाह पर चादर भेजने की परंपरा को खत्म करने का अनुरोध किया यह प्रथा जवाहरलाल नेहरू के समय से चली आ रही है। अजमेर दरगाह के संबंध में विवाद अदालत में लंबित है इसलिए उन्हें पारंपरिक प्रथा को जारी रखने से बचना चाहिए। सनातन धर्म रक्षा संघ अजमेर, राजस्थान ने प्रधानमंत्री भारत सरकार को पत्र लिखकर इस बार अजमेर स्थित ख्वाजा मोइनुद्दीन हसन चिश्ती की दरगाह के 813 वें सालाना उर्स में अकीदत की चादर ना भेजने का आग्रह किया है। हर वर्ष की भांति उर्स पर ख्वाजा चिश्ती की दरगाह पर प्रधानमंत्री की ओर से चादर भेजी जाती है। इस वर्ष दरगाह संकट मोचन महादेव मंदिर विवाद अजमेर न्यायालय में पेश होने से मामला विचाराधीन है ऐसी स्थिति में प्रधानमंत्री द्वारा चादर भेजी जाती है तो आमजन में यह भावना होगी कि प्रधानमंत्री मोदी विवादित स्थान को दरगाह होने की पुष्टि करते हैं जोकि न्याय प्रक्रिया में बाधक हो सकती है।