पहली महिला मुख्य सचिव विनी महाजन हुईं सेवानिवृत्त

पंजाब की पहली महिला मुख्य सचिव विनी महाजन ने अपने 37 साल के करियर में कई अहम भूमिकाएं निभाईं, जिनमें प्रधानमंत्री कार्यालय में 2005 से 2012 तक तत्कालीन प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह के साथ काम करना शामिल है।

पंजाब की पहली महिला मुख्य सचिव विनी महाजन, जिन्होंने राज्य और केंद्र सरकार में कई महत्वपूर्ण पदों पर सेवाएं दीं, 31 अक्टूबर को सेवानिवृत्त हो गईं। 1987 बैच की आईएएस अधिकारी विनी महाजन फिलहाल केंद्र में डेपुटेशन पर कार्यरत थीं। अपनी सेवानिवृत्ति को लेकर उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर एक पोस्ट के माध्यम से अपने करियर को अलविदा कहा।

विनी महाजन का जन्म 21 अक्टूबर 1964 को पंजाब में हुआ था। उन्होंने दिल्ली के मॉर्डन स्कूल से अपनी प्रारंभिक शिक्षा पूरी की और फिर दिल्ली यूनिवर्सिटी के लेडी श्रीराम कॉलेज से इकोनॉमिक्स में स्नातक की डिग्री हासिल की। इसके बाद उन्होंने भारतीय प्रबंधन संस्थान (आईआईएम) कोलकाता से पोस्ट ग्रेजुएट डिप्लोमा किया, जहां उन्हें रोल ऑफ ऑनर से सम्मानित किया गया।

विनी महाजन को उनके शैक्षणिक करियर में राष्ट्रीय प्रतिभा खोज छात्रवृत्ति सहित कई पुरस्कार मिले। उन्हें 2000-2001 में अमेरिकी विश्वविद्यालय, वाशिंगटन डीसी में ह्यूबर्ट हम्फ्री फेलोशिप से भी नवाजा गया।

अपने प्रशासनिक करियर की शुरुआत में, विनी महाजन 1995 में पंजाब के रोपड़ जिले की पहली महिला डिप्टी कमिश्नर बनीं। इस पद पर रहते हुए उन्होंने एक प्रभावशाली साक्षरता अभियान चलाया, जिसके लिए उन्हें राष्ट्रीय साक्षरता पुरस्कार प्राप्त हुआ।

महाजन ने अपने 37 साल के करियर में कई अहम भूमिकाएं निभाईं, जिनमें प्रधानमंत्री कार्यालय में 2005 से 2012 तक तत्कालीन प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह के साथ काम करना शामिल है। इस दौरान उन्होंने वित्त, उद्योग, वाणिज्य और आईटी जैसे महत्वपूर्ण क्षेत्रों का प्रभार संभाला और वैश्विक आर्थिक मंदी के दौरान भारत की आर्थिक स्थिरता को बनाए रखने में मदद की।

उनके पिता बी.बी. महाजन भी पंजाब कैडर के आईएएस अधिकारी थे और अपनी सादगी और ईमानदारी के लिए पहचाने जाते थे। विनी महाजन के प्रशासनिक अनुभव और समर्पण ने उन्हें एक प्रेरणादायक शख्सियत बनाया, और उनकी सेवानिवृत्ति पर उन्हें पूरे देश से सम्मान और शुभकामनाएं मिली हैं।

Related Articles

Back to top button