राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सर संघचालक मोहन भागवत ने कहा कि हम अपने धर्म को भूलकर स्वार्थ के अधीन हो गए हैं, इसलिए समाज में छुआछूत चला, ऊंच-नीच का भाव बढ़ा। हमें इस भाव को पूरी तरह मिटा देना है।
उन्होंने आगे कहा कि देश में समरसता होनी चाहिए। प्रत्येक व्यक्ति अपने आप को भारत का नागरिक समझें। असमानता और छुआछूत को रोकने के लिए स्वयंसेवक आगे आएं। कहां पिछड़ रहे हैं, इस बारे में चर्चा की जरूरत है।
गरीबों के घर जाएं स्वयंसेवक: मोहन भागवत
सर संघचालक ने आगे कहा कि गरीब के साथ जुड़ाव रखें। उन्हें घर लेकर आएं और उनके घर भी जाएं। गांव के गरीब परिवारों को आगे बढ़ाने के बारे में सोचें।