राजस्थान में निकाय चुनाव से पहले एक होंगे 3 निगम.

राजस्थान में नव गठित नगर निगमों को एक करने के लिए बहस तेज हो गई है. राजस्थान की पिछली गहलोत सरकार ने तीन जगहों पर नए नगर निगमों का गठन किया था.

राजस्थान में निकाय चुनाव भले ही अगले साल होने वाले हैं लेकिन उससे पहले ही यहां पर सियासी गहमागहमी शुरू हो गई है. प्रदेश की पिछली अशोक गहलोत सरकार ने जयपुर, जोधपुर और कोटा में दो-दो नगर निगम का गठन किया था. इनमें से कुछ जगहों पर कांग्रेस के भी मेयर बने.

जयपुर में बीजेपी का लंबे समय से मेयर की कुर्सी पर कब्जा था, लेकिन पिछले चुनाव में बीजेपी और कांग्रेस दोनों के मेयर बने. इसलिए यहां पर एक सियासी माहौल बना रहा. अब बीजेपी यहां पर इन निगमों को एक करना चाह रही है.

यूडीएच मंत्री ने दिए ये संकेत

इसकी वजह यह है कि बीजेपी के कई विधायक निगमों को एक करने के पक्ष में हैं. इसलिए समय-समय पर उन्होंने अपनी मांग भी रखी है. अब यूडीएच मंत्री झाबर सिंह खर्रा ने कहा कि एक जयपुर, जोधपुर और कोटा में एक नगर निगम बनाया जाएगा. फिलहाल, यहां पर अभी दो-दो नगर निगम हैं.

बीजेपी के गढ़ में सेंध लगाने की रणनीति

राजस्थान में पिछली कांग्रेस की अगुवाई वाली अशोक गहलोत सरकार ने जयपुर, जोधपुर और कोटा में दो-दो नगर निगम का गठन करके सियासी बिसात पार मास्टर स्ट्रोक खेला था. इन सीटों पर भारतीय जनात पार्टी का लंबे समय से कब्जा था.

बीजेपी के गढ़ में सेंध लगाने के लिए कांग्रेस ने विशेष रणनीति बनाई थी, जिसको लेकर उस समय विपक्ष में रही बीजेपी ने काफी विरोध किया था. हालांकि, गहलोत सरकार ने उस समय दो-दो नगर निगम बनाकर चुनाव लड़ा था. अब उस नियम को पलटने की तैयारी चल रही है.

राजस्थान सरकार की ये है योजना

दरअसल, ‘एक राज्य एक चुनाव’ की योजना पर राजस्थान सरकार काम कर रही है. चुनाव से पहले निकाय में इस फेरबदल को बीजेपी करना चाह रही है. राजस्थान के वरिष्ठ पत्रकार विनोद पाठक का कहना है कि कांग्रेस ने जयपुर में चुनाव जीतने के लिए यह दांव आजमाया था.

कांग्रेस को निगम बनाने का मिला फायदा

वरिष्ठ पत्रकार विनोद पाठक के मुताबिक, कांग्रेस को इस रणनीति का फायदा भी मिला और उसने चुनाव में जीत हासिल की है. अब बीजेपी उसे हटाने की तैयारी कर रही है. उन्होंने कहा कि अगर समीकरण देखा जाए तो बीजेपी एक-एक निगम करके ही चुनाव मैदान में जाना चाहती है.

विनोद पाठक ने बताया कि शहरी निकायों की सीमा के विस्तार पर भी राजस्थान सरकार तेजी से काम कर रही है, जो आने वाले दिनों में कई बदलाव के रूप में दिखेंगे.

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