8वें वेतन आयोग के मुद्दे को दिल्ली में भुनाएगी BJP, बांसुरी स्वराज ने गिनाया यह फायदा

दिल्ली विधानसभा चुनाव में अब तक आरोप-प्रत्यारोप चल रहा था और अब केंद्र सरकार द्वारा आठवें वेतन आयोग को दी गई मंजूरी भी बड़ा मुद्दा बनता दिख रहा है. केंद्र सरकार ने 8वें वेतन आयोग को मंजूरी दे दी है. यह दिल्ली चुनाव से ठीक पहले लिया गया फैसला है. 8वें वेतन आयोग की सिफारिश का फायदा दिल्ली के सरकारी कर्मचारियों को भी होना तय है. अब बीजेपी ने चुनाव में इस पर बोलना भी शुरू कर दिया है. बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष वीरेंद्र सचदेवा ने कहा कि ”8वें वेतन आयोग से दिल्ली के चार लाख से ज्यादा सरकारी कर्मचारियों को सीधे-सीधे फायदा होगा.”

सुषमा स्वराज ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा, ”पीएम मोदी के नेतृत्व में कैबिनेट ने 8वें वेतन आयोग को मंजूरी दे दी है. इससे पूरे भारत में 48 लाख से ज्यादा कर्मचारियों और 67 लाख पेंशनभोगियों को लाभ होगा. अपनी दिल्ली की बात करें तो 4 लाख से ज्यादा कर्मचारियों को इससे फायदा मिलेगा.  जो महंगाई का भत्ता है वह बढ़ेगा. होम अलाउंसेज आसान हो जाएंगे और रेंट करना आसान हो जाएगा.”

आप से पूछे गए सवाल अब तक सुलझे नहीं- सचदेवा

वहीं, वीरेंद्र सचदेवा ने इस दौरान फिर आप को निशाने पर लेते हुए कहा कि दो दिन पहले जो सवाल किया था वह सुलझा नहीं है. कोविड का दौर और केजरीवाल का 40 गुना आमदनी बढ़ना. दिल्ली चुनाव में जवाब तो देना पड़ेगा सिर्फ उसी दौर में क्यों आया इसका कोई तो सोर्स होगा और जनता के प्रति जवाबदेही हर व्यक्ति की बनती है इसलिए आज केजरीवाल के साथ अब सिसोदिया को भी जवाब देना पड़ेगा.

बैंक से सिसोदिया ने क्यों नहीं लोन- सचदेवा

बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि बच्चों का भविष्य सुधारने के लिए हम लोन लेते हैं और सिसोदिया ने भी लोन लिया.शिक्षा का 1.53 करोड़ का लोन है लेकिन यह किसी व्यक्ति विशेष का है ना कि किसी बैंक का. यह पैसा कहां से आया और यह लोग कौन हैं इसका जवाब जनता को चाहिए. हम जांच के लिए संबंधित विभाग को पत्र लिखेंगे. योजना है जिसका प्रचार यह खूब करते हैं आख़िर इन्होंने उस योजना के तहत क्यों नहीं लिया.”

आप ने आरोप लगाया कि बीजेपी अरविंद केजरीवाल की डॉक्यूमेंट्री रिलीज नहीं होने देना चाहती है. इस पर वीरेंद्र सचदेवा ने कहा, ”जो वो स्क्रीनिंग दिखाना चाहते हैं ,जब जांच एजेंसी आपके सामने तथ्य रखते हैं तब उस स्क्रीनिंग का क्या हुआ था ? कोर्ट में दिखाते. हमारे कहने से रुकना होता तो जमानत ही नहीं होती. ये विषय तो न्यायालय का है हम और आप क्या करेंगे.”

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