
भारत और यूनाइटेड किंगडम (UK) के बीच प्रस्तावित फ्री ट्रेड एग्रीमेंट (FTA) पर जनवरी 2022 में बातचीत शुरू हुई थी. तब से लेकर अब तक 14 दौर बातचीत के पूरे हो चुके हैं. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी दो दिन (23-24 जुलाई, 2025) के दौरे पर ब्रिटेन जाएंगे. इस दौरान मई में भारत और ब्रिटेन के बीच हुए व्यापार समझौते को अंतिम रूप दिया जाएगा. उम्मीद की जा रही है कि इस दौरान डील पर औपचारिक रूप से हस्ताक्षर किए जाएंगे.
पीएम मोदी बुधवार से ब्रिटेन और मालदीव के चार दिवसीय दौरे पर जाएंगे. पहले चरण में 23-24 जुलाई को वह ब्रिटेन जाएंगे और दूसरे चरण में 25-26 जुलाई को मालदीव के दौरे पर होंगे. वह मालदीव में स्वतंत्रता दिवस समारोह में ‘मुख्य अतिथि’ के रूप में शामिल होंगे.
2022 में शुरू हुई थी डील पर बातचीत
भारत और ब्रिटेन के बीच यह व्यापार समझौता काफी अहम माना जा रहा है. भारत दुनिया की पांचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था है और ब्रिटेन दुनिया की छठी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था है. जनवरी 2022 में इस समझौते पर पहली दफा बातचीत शुरू हुई थी. तीन साल में अब तक बातचीत के 14 दौर पूरे हो चुके हैं. इस समझौते से दोनों देशों के व्यापार को बढ़ावा मिलेगा. इससे भारत के टेक्सटाइल, लेदर और इंजीनियरिंग गुड्स के निर्यात को बढ़ावा मिलेगा. साथ ही व्हिस्की, ऑटोमोबाइल और मेडिकल डिवाइस जैसे UK के प्रोडक्ट्स को भी फायदा पहुंचेगा.
भारत को क्या फायदा होगा?
वित्त वर्ष 2024 में भारत से 12.9 बिलियन डॉलर (लगभग 1.12 लाख करोड़ रुपये) का सामान UK को एक्सपोर्ट किया गया. इनमें लेदर, फुटवियर, जेम्स और ज्वेलरी, टेक्सटाइल और क्लोदिंग, फर्नीचर, स्पोर्ट्स गुड्स, केमिकल, ट्रांसपोर्ट/ऑटो कॉम्पोनेंट्स जैसे प्रोडक्ट्स शामिल रहे. ब्रिटेन में भारत के इन प्रोडक्ट्स पर 4-16 परसेंट तक का ड्यूटी फी लगता है. ऐसे में टैरिफ कम होगा तो भारत को और फायदा होगा.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी दो दिन (23-24 जुलाई, 2025) के दौरे पर ब्रिटेन जाएंगे. इस दौरान मई में भारत और ब्रिटेन के बीच हुए व्यापार समझौते को अंतिम रूप दिया जाएगा. उम्मीद की जा रही है कि इस दौरान डील पर औपचारिक रूप से हस्ताक्षर किए जाएंगे.
पीएम मोदी बुधवार से ब्रिटेन और मालदीव के चार दिवसीय दौरे पर जाएंगे. पहले चरण में 23-24 जुलाई को वह ब्रिटेन जाएंगे और दूसरे चरण में 25-26 जुलाई को मालदीव के दौरे पर होंगे. वह मालदीव में स्वतंत्रता दिवस समारोह में ‘मुख्य अतिथि’ के रूप में शामिल होंगे.
2022 में शुरू हुई थी डील पर बातचीत
भारत और ब्रिटेन के बीच यह व्यापार समझौता काफी अहम माना जा रहा है. भारत दुनिया की पांचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था है और ब्रिटेन दुनिया की छठी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था है. जनवरी 2022 में इस समझौते पर पहली दफा बातचीत शुरू हुई थी. तीन साल में अब तक बातचीत के 14 दौर पूरे हो चुके हैं. इस समझौते से दोनों देशों के व्यापार को बढ़ावा मिलेगा. इससे भारत के टेक्सटाइल, लेदर और इंजीनियरिंग गुड्स के निर्यात को बढ़ावा मिलेगा. साथ ही व्हिस्की, ऑटोमोबाइल और मेडिकल डिवाइस जैसे UK के प्रोडक्ट्स को भी फायदा पहुंचेगा.
भारत को क्या फायदा होगा?
वित्त वर्ष 2024 में भारत से 12.9 बिलियन डॉलर (लगभग 1.12 लाख करोड़ रुपये) का सामान UK को एक्सपोर्ट किया गया. इनमें लेदर, फुटवियर, जेम्स और ज्वेलरी, टेक्सटाइल और क्लोदिंग, फर्नीचर, स्पोर्ट्स गुड्स, केमिकल, ट्रांसपोर्ट/ऑटो कॉम्पोनेंट्स जैसे प्रोडक्ट्स शामिल रहे. ब्रिटेन में भारत के इन प्रोडक्ट्स पर 4-16 परसेंट तक का ड्यूटी फी लगता है. ऐसे में टैरिफ कम होगा तो भारत को और फायदा होगा.
डील से दोनों देशों को भरपूर फायदा
ब्रिटेन से स्कॉच व्हिस्की और जिन का आयात शुल्क शुरू में आधा करके 75 परसेंट और 10वें साल तक 40 परसेंट कर दिया जाएगा. फिलहाल, यह 150 परसेंट है. दोनों पक्षों के कोटा के तहत ब्रिटेन के ऑटोमोबाइल पर टैरिफ 100 परसेंट से घटाकर 10 परसेंट कर दिया जाएगा, जिससे टाटा-जेएलआर जैसी कंपनियों को लाभ होगा.
ब्रिटेन से भारत में हर साल 20 करोड़ पाउंड (2,310 करोड़ रुपये) से अधिक कीमत के व्हिस्की मंगाए जाते हैं. आंतरिक दहन इंजन (ICE) व्हीकल्स पर टैरिफ लॉन्ग टर्म में धीरे-धीरे कम किया जाएगा. लग्जरी कारों पर टैरिफ भी दोनों पक्षों के कोटा के तहत 100 परसेंट से घटाकर 10 परसेंट कर दिया जाएगा. ‘मेक इन इंडिया’ नीति के तहत ब्रिटेन की कंपनियों को विशेष छूट मिलेगी. हर साल दोनों देशों के बीच कारोबार बढ़ता जाएगा.
दोनों देशों का एक्सपोर्ट बढ़ेगा
इस डील से भारत को ब्रिटेन के निर्यात में लगभग 60 परसेंट (15.7 अरब पाउंड – 1.81 लाख करोड़ रुपये) की वृद्धि होने की उम्मीद है. इससे ब्रिटेन को भारत के निर्यात में भी 25 परसेंट (9.8 अरब पाउंड – 1.13 लाख करोड़ रुपये) की वृद्धि होने की संभावना है. भारत ब्रिटेन का 12वां सबसे बड़ा व्यापारिक साझेदार है, जबकि ब्रिटेन भारत का 14वां सबसे बड़ा ट्रेडिंग पार्टनर है.
भारत और ब्रिटेन के बीच टोटल 195,937 करोड़ रुपये (1.95 लाख करोड़ रुपये) का कारोबार होता है. ब्रिटेन के लिए भारत का निर्यात 123,055 करोड़ रुपये (1.23 लाख करोड़ रुपये) है, जबकि भारत के लिए ब्रिटेन से 72,882 करोड़ रुपये के सामान का निर्यात किया जाता है.