2047 तक कैसे बदल जाएगी हरियाणा की तस्वीर, सीएम नायब सैनी ने स्थानीय निकाय सम्मेलन में बताया एक-एक पॉइंट

देशभर के कई राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों के शहरी स्थानीय निकायों का दो दिवसीय राष्ट्रीय सम्मेलन गुरुवार से मानेसर में शुरू हो गया। इंटरनैशनल सेंटर फॉर ऑटोमोटिव टेक्नॉलजी (आईसीएटी) में सम्मेलन के पहले दिन मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी भी पहुंचे। सीएम ने कहा कि साइबर सिटी गुड़गांव शहरी विकास का एक मॉडल है। इसके साथ लगते 180 किलोमीटर लंबे केएमपी (कुंडली-मानेसर-पलवल) कॉरिडोर के साथ पंचग्राम योजना के तहत ऐसे ही पांच अति आधुनिक शहर बसाने की परियोजना पर काम चल रहा है। यह योजना वर्ष 2050 तक 75 लाख जनसंख्या के लिए बनाई गई है। विकसित भारत-विकसित हरियाणा, विकसित नगरों से ही बनेगा, इसलिए हमने हरियाणा में विजन 2047 के तहत एक ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था बनाने और रोजगार के 50 लाख नए अवसर पैदा करने का लक्ष्य रखा है। स्थानीय निकायों के राष्ट्रीय सम्मेलन में मुख्यमंत्री ने कहा कि यह हमारा सौभाग्य है कि इस राष्ट्रीय सम्मेलन की मेजबानी हरियाणा को मिली है। इस सम्मेलन में हम सब अपने लोकतंत्र को मजबूत करने तथा राष्ट्र निर्माण में शहरी स्थानीय निकायों की भूमिका पर विचार मंथन कर रहे हैं।

मुख्यमंत्री ने कहा कि शहरों में बुनियादी ढांचे को मजबूत किया जा रहा है। हरियाणा में सभी परिवारों का पहचान-पत्र बनाया गया है और इससे उन्हें सभी सरकारी योजनाओं से जोड़ दिया गया है। इन योजनाओं का लाभ नागरिकों को सीधा घर पर ही मिल रहा है। पिछले दिनों प्रधानमंत्री मोदी ने जिस स्वामित्व योजना को पूरे देश में लागू किया है, उस योजना को हरियाणा ने शत-प्रतिशत लागू कर दिया है। इसके साथ-साथ हरियाणा में नगर दर्शन पोर्टल की शुरुआत भी की गई है। मुख्यमंत्री ने कहा कि हरियाणा में ई-गवर्नेंस को तेजी से अपनाया जा रहा है। हरियाणा के हर निगम में डिजिटल पोर्टल के माध्यम से काम किया जा रहा है। एआई के माध्यम से समस्याओं का समाधान हो रहा है। मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार का मूल मंत्र है विकास भी और पर्यावरण भी। इसके लिए हमें रेन वॉटर हार्वेस्टिंग, ग्रीन बिल्डिंग, सोलर एनर्जी, इलेक्ट्रिक वीकल को प्राथमिकता देनी होगी। हर नगर निकाय को एक ग्रीन एक्शन प्लान तैयार करना होगा। स्वच्छता केवल मिशन नहीं, बल्कि हमारे संस्कारों का हिस्सा बने। स्वच्छ भारत मिशन का पहला चरण जन-जागरूकता था, दूसरा चरण इंफ्रास्ट्रक्चर है, अब तीसरा चरण संस्कार होना चाहिए। शहरों को कचरा मुक्त करने के लिए शत-प्रतिशत सोर्स सेग्रीगेशन, बायो-सीएनजी और सर्कुलर इकोनॉमी को बढ़ावा देना होगा।

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