
हेमकुंड साहिब के कपाट इस 25 मई को श्रद्धालुओं के लिए खोल दिए जाएंगे. यात्रा को लेकर प्रशासन और भारतीय सेना ने तैयारियां शुरू कर दी हैं. हेमकुंड साहिब के कपाट 25 मई को श्रद्धालुओं के लिए खोले जाएंगे, जिसे लेकर प्रशासन और भारतीय सेना की तैयारियां तेजी से चल रही हैं. खराब मौसम और भारी बर्फबारी के बावजूद भारतीय सेना के जवानों ने आस्था पथ से बर्फ हटाने का कार्य जारी रखा है. हाल ही में जवान हिमखंडों को काटते हुए हेमकुंड साहिब गुरुद्वारे तक पहुंच गए हैं. गुरुद्वारे के पास पहुंचने पर उन्होंने सबसे पहले अरदास पढ़ी और फिर कपाट खोले. अब सेना के जवान वहीं रुककर यात्रा मार्ग और अन्य व्यवस्थाओं को दुरुस्त करने में लगे हैं.
हेमकुंड साहिब में लंगर हॉल के समीप की बर्फ को भी साफ कर दिया गया है. सेना के जवानों ने सीढ़ी वाले मार्ग से पूरी तरह बर्फ हटा दी है, जबकि घोड़े वाले मार्ग पर बर्फ हटाने का कार्य अभी भी जारी है. अब तक आस्था पथ के चार प्रमुख बैंड से बर्फ हटा दी गई है. दोपहर बाद मौसम बिगड़ने के कारण जवानों को कार्य में कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है, इसके बावजूद वे पूरी तत्परता से लगे हुए हैं.
25 मई से शुरू हो रही यात्रा
हालांकि यात्रा शुरू होने में अब सिर्फ 17 दिन का समय शेष रह गया है, लेकिन कई व्यवस्थाएं अभी भी अधूरी हैं. पुलना से घांघरिया तक पेयजल, बिजली और संचार सेवाएं अभी बहाल नहीं हो पाई हैं. गोविंदघाट में अलकनंदा नदी पर निर्माणाधीन बैली ब्रिज का कार्य भी देरी से चल रहा है. 5 मार्च को पुराने मोटर पुल के भूस्खलन से क्षतिग्रस्त होने के बाद नया बैली ब्रिज बनाना शुरू किया गया था, लेकिन दो महीने बाद भी अभी तक केवल ढांचा ही तैयार हो पाया है. घोड़े-खच्चरों की आवाजाही के लिए आवश्यक पुल न होने से लोडिंग कार्य प्रभावित हो रहा है.
घांघरिया के होटल व्यवसायी खाद्य सामग्री नहीं पहुंचा पा रहे हैं. गोविंदघाट गुरुद्वारे के वरिष्ठ प्रबंधक सरदार सेवा सिंह के अनुसार, घांघरिया गुरुद्वारे में सभी जरूरी व्यवस्थाएं पूरी कर ली गई हैं और सेना के सहयोग से पैदल मार्ग को जल्द ही बर्फ से मुक्त कर दिया जाएगा.
लोक निर्माण विभाग के अधिशासी अभियंता नवीन ध्यानी का कहना है कि बैली ब्रिज निर्माण कार्य तेजी से चल रहा है और शीघ्र ही एप्रोच रोड का कार्य भी शुरू किया जाएगा. प्रशासन और स्थानीय संगठन यात्रा मार्ग को सुचारु बनाने में जुटे हैं ताकि 25 मई से शुरू होने वाली यात्रा सुरक्षित और सुव्यवस्थित रूप से संपन्न हो सके.