
हरियाणा सरकार ने मुख्यमंत्री विवाह शगुन योजना के तहत बेटियों की शादी पर दी जाने वाली राशि 41 हजार से बढ़ाकर 51 हजार कर दी है. योजना का लाभ उठाने के लिए विवाह पंजीकरण जरूरी होगा. भारतीय परंपरा के अनुसार शादी करना आमतौर पर थोड़ा खर्चिला माना जाता है. खास तौर पर बेटियों की शादी में कई परिवार अकसर कर्ज में डूब जाते हैं. इसे ध्यान में रखते हुए समाज के आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों के लिए हरियाणा सरकार ने एक और बड़ा कदम उठाया है. अब से मुख्यमंत्री विवाह शगुन योजना के तहत दी जाने वाली सहायता राशि में 10,000 रुपये की वृद्धि कर दी गई है.
यानी पिछड़ा वर्ग और जरूरतमंद परिवारों को बेटी की शादी पर अब 51,000 रुपये की सहायता राशि मिलेगी. इससे पहले लाभार्थियों को ₹41,000 की सहायता मिलती थी, लेकिन मुख्यमंत्री द्वारा नए प्रस्ताव को स्वीकृति देने के साथ ही अब यह निर्णय लागू हो जाएगा.
किसे मिलेगा इस योजना का लाभ?
बता दें कि यह सहायता राशि “कन्यादान” के रूप में दी जाती है और इसका लाभ सिर्फ उन्हीं परिवारों को मिलेगा जिनकी वार्षिक आय (Annual Income) 1.80 लाख रुपये तक है. सरकार के इस फैसले से हजारों गरीब और पिछड़े वर्ग के परिवारों को आर्थिक राहत मिलेगी. यह कदम सरकार की ‘बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ’ जैसी योजनाओं को और मजबूती देगा और बेटियों के सम्मान व उत्थान में योगदान करेगा.
सरकार ने यह भी स्पष्ट किया है कि इस योजना का लाभ लेने के लिए विवाह की तारीख से छह माह के भीतर विवाह का पंजीकरण कराना अनिवार्य होगा. इससे न केवल व्यवस्था में पारदर्शिता आएगी बल्कि बाल विवाह जैसी सामाजिक कुरीतियों पर भी रोक लगेगी. विवाह का कानूनी पंजीकरण सुनिश्चित कराना अब इस योजना की अहम शर्त बन गया है.
कैसे करें आवेदन?
योजना के आवेदन की प्रक्रिया को भी बेहद सरल और ऑनलाइन कर दिया गया है. इच्छुक लाभार्थी http://shadi.edisha.gov.in पोर्टल पर जाकर मुख्यमंत्री विवाह शगुन योजना के लिए आवेदन कर सकते हैं. पोर्टल पर आवेदन करने के लिए आवश्यक दस्तावेज और दिशा-निर्देश भी उपलब्ध कराए गए हैं. सरकार का यह प्रयास सामाजिक न्याय और बेटियों के प्रति सकारात्मक दृष्टिकोण को दर्शाता है.