हरियाणा में अफसरशाही पर सख्ती, बैठकों को गंभीरता से न लेने वाले अधिकारियों पर होगी कार्रवाई

हरियाणा सरकार अब अफसरों पर सख्त होती नजर आ रही है। जी हां, हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने सरकारी बैठकों में कोताही बरतने वाले अधिकारियों पर सख्त कार्रवाई करने के निर्देश दिए हैं। मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में होने वाली बैठकों का एजेंडा और लिए गए फैसलों की रिपोर्ट अब तय समय-सीमा में जारी करना अनिवार्य कर दिया है।

कई अधिकारी समय पर बैठक का एजेंडा नहीं करते जारी

मुख्यमंत्री ने कहा कि कई विभागीय अधिकारी समय पर बैठक का एजेंडा जारी नहीं करते, जिससे योजनाओं की प्रगति और क्रियान्वयन में देरी होती है। बैठक में लिए गए फैसलों की रिपोर्ट समय पर जारी नहीं होने के कारण फील्ड अधिकारियों तक जानकारी नहीं पहुंच पाती, जिससे सरकार की योजनाएं लागू होने में बाधा आती है।

मुख्य सचिव ने जारी किए निर्देश

वहीं मुख्य सचिव ने प्रदेश के सभी अतिरिक्त मुख्य सचिव और प्रशासनिक सचिवों को निर्देश दिए कि मुख्यमंत्री की अध्यक्षता वाली बैठकों का एजेंडा बैठक से एक दिन पहले ही जारी करना होगा। बैठक में लिए गए फैसलों की रिपोर्ट तीन कार्य दिवस के भीतर जारी की जानी चाहिए। इसके अतिरिक्त सभी बैठक का एजेंडा और विस्तृत ब्यौरा एक निर्धारित ई-मेल आईडी पर भेजना अनिवार्य होगा।

जनसुनवाई में अधिकारियों की अनुपस्थिति पर होगी कड़ी कार्रवाई

जिलों में मंत्रियों के दौरों और जनसुनवाई के दौरान पुलिस व प्रशासनिक अधिकारियों की गैरमौजूदगी को सरकार ने गंभीरता से लिया है। अब ऐसी कोताही बरतने वाले अधिकारियों पर विभागीय कार्रवाई की जाएगी।मुख्यमंत्री ने कहा कि अफसरशाही की लापरवाही के कारण कई योजनाएं केवल कागजों तक सीमित रह जाती हैं। सख्त समय सीमा लागू होने से न केवल योजनाओं के क्रियान्वयन में तेजी आएगी, बल्कि आम जनता तक लाभ पहुंचाने में भी आसानी होगी।

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