
जनस्वास्थ्य अभियंत्रिकी विभाग हिसार द्वारा एक पेड़ मां के नाम योजना के तहत पर्यावरण संरक्षण और महिला सशक्तिकरण की दिशा में एक प्रेरणादायक पहल की है। इस अभियान की शुरुआत बरवाला स्थित वाटर ट्रीटमेंट प्लांट में पौधारोपण कार्यक्रम से की गई।
यह जानकारी देते हुए कार्यकारी अभियंता शशिकांत ने बताया कि यह योजना केंद्र सरकार की एक महत्वाकांक्षी पहल है, जिसका उद्देश्य न केवल पर्यावरण को संरक्षित करना है, बल्कि समाज में मां के प्रति सम्मान और प्रेम को भी समर्पित करना है।
उन्होंने कहा कि हर लगाया गया पौधा मां के नाम से समर्पित होगा, जिससे समाज में भावनात्मक जुड़ाव भी बढ़ेगा। इस दौरान जिला सलाहकार विनोद कुमार ने बताया कि पौधारोपण अभियान जून महीने के अंतिम सप्ताह में ज़ोर-शोर से चलाया जाएगा।
इस अभियान को अमृत 2.0 योजना के तहत भारत सरकार के पोर्टल पर चिन्हित स्थानों के साथ अपडेट किया जाएगा। अभियान के लिए जिले की खाली पड़ी सरकारी ज़मीनों जैसे जलघर, डब्ल्यूटीपी और एसटीपी पर पौधरोपण किया जाएगा। बरवाला डब्ल्यूटीपी, उकलाना वाटर वर्क्स, महावीर कॉलोनी मैन वाटर वर्क्स, सकाडा डब्ल्यूटीपी, नारनौंद का एसटीपी और हांसी का डब्ल्यूटीपी को इसके लिए चुना गया है।
इन स्थलों पर हिसार के आठ सेल्फ हेल्प ग्रुप की महिलाओं ने विजिट कर अभियान में भाग लिया। राष्ट्रीय शहरी आजीविका मिशन की शहरी जिला कोऑर्डिनेटर सरोज ने कहा कि महिलाओं की भागीदारी इस अभियान को एक जन आंदोलन बनाएगी।
उन्होंने बताया कि सेल्फ हेल्प ग्रुप महिलाएं पहले भी इस तरह की सामाजिक गतिविधियों में सक्रिय रही हैं और अब भी इस मुहिम में सेल्फ हेल्प ग्रुप की महिलाओं की भागीदारी सराहनीय रही।
एसडीई आशीष गर्ग ने कहा कि बढ़ते तापमान और प्रदूषण के मद्देनजर अधिक से अधिक पौधे लगाना समय की आवश्यकता है। यह प्रयास आने वाली पीढ़ियों के लिए स्वच्छ और हरित वातावरण की दिशा में मील का पत्थर साबित होगा।
इस अवसर पर बीआरसी संदीप सिंह, रमेश मलिक, ललिता कुमारी, रामरति, प्रदीप, दलीप कुमार, सुरेंद्र कुमार, मनफूल सिंह, जेई सतमीन्द्र, सूमेर, अनिल कुमार, विक्रम पुटीर, जितेंद्र पूनिया आदि उपस्थित रहे।