सीएम धामी की घोषणा, मानसून सत्र में लोकतंत्र सेनानियों के कल्याण में आएगा बिल, सम्मान निधि बढ़ेगी

सीएम धामी ने कहा कि हमारी सरकार ने लोकतंत्र सेनानियों को प्रतिमाह मिलने वाली सम्मान निधि को बढ़ाने का फैसला लिया था, जिसे आने वाले समय में और बढ़ाया जाएगा।

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि विधानसभा के मानसून सत्र के दौरान प्रदेश सरकार लोकतंत्र सेनानियों के कल्याण और हित में विधेयक लाएगी। उन्होंने लोकतंत्र सेनानियों की सम्मान निधि बढ़ाने का भी एलान किया। उन्होंने कहा कि सम्मान निधि की प्रक्रिया और सरल बनाया जाएगा।

मुख्यमंत्री अपने सरकारी आवास स्थित मुख्य सेवक सदन में आपातकाल में मीसा एवं डीआईआर बंदी बनाए गए लोकतंत्र सेनानियों के साथ संवाद कर रहे थे। देश में आपातकाल लगाए जाने के 50 वर्ष पूरे होने के अवसर पर आयोजित संविधान हत्या दिवस पर सीएम ने लोकतंत्र सेनानियों व उनके परिवारजनों का स्वागत एवं अभिनंदन किया।

सीएम धामी ने लोकतंत्र सेनानियों की मुद्दों का तत्परता से समाधान के लिए शासन स्तर पर नोडल अधिकारी नामित करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि लोकतंत्र सेनानियों के कल्याण व हित में मानसून सत्र में अधिनियम लाने की तैयारी की जाए। सीएम ने संबंधित सचिव को लोकतंत्र सेनानियों को तत्काल प्रमाण पत्र उपलब्ध कराने के निर्देश दिए है।

सीएम धामी ने कहा कि हमारी सरकार ने लोकतंत्र सेनानियों को प्रतिमाह मिलने वाली सम्मान निधि को बढ़ाने का फैसला लिया था, जिसे आने वाले समय में और बढ़ाया जाएगा। हमारी सरकार लोकतंत्र सेनानियों की प्रत्येक समस्या के समाधान के लिए पूर्णतः प्रतिबद्ध है। हम राष्ट्र के प्रति आपके अतुलनीय योगदान को जन-जन तक पहुंचाने के लिए प्रतिवर्ष लोकतंत्र सेनानियों का सम्मान कार्यक्रम आयोजित करते रहेंगे।

मुख्यमंत्री ने कहा कि भारतीय लोकतंत्र के इतिहास में 25 जून 1975 का दिन हमेशा एक काले अध्याय के रूप में याद किया जाएगा। 50 वर्ष पूर्व इसी दिन देश पर आपातकाल थोपा गया था और संविधान की आत्मा को कुचलने का प्रयास किया गया था। और यह सब एक व्यक्ति की हठधर्मिता और तानाशाही रवैए का परिणाम था। आपातकाल में लोकनायक जयप्रकाश नारायण, नानाजी देशमुख और अटल बिहारी वाजपेयी जैसे महान नेताओं ने जेलों में रहते हुए भी लोकतंत्र के प्रति युवाओं में चेतना जाग्रत करने का कार्य किया।

उन्होंने कहा कि लोकतंत्र सेनानियों के योगदान और आपातकाल के काले अध्याय से आने वाली पीढ़ियों को अवगत कराने के लिए 25 जून को संविधान हत्या दिवस के रूप में मनाने की शुरुआत की गई। सीएम ने कहा कि उत्तराखंड जैसे छोटे से राज्य में लिए जा रहे निर्णय देशभर के लिए आदर्श बन रहे। हम हर क्षेत्र में अग्रणी राज्य बनने की दिशा में आगे बढ़ रहे हैं। इस अवसर पर पूर्व राज्यपाल व मुख्यमंत्री भगत सिंह कोश्यारी, सचिव शैलेश बगौली, लोकतंत्र सेनानी कृष्ण कुमार अग्रवाल, प्रेम बड़ाकोटी तथा बड़ी संख्या में लोकतंत्र सेनानी और उनके परिजन मौजूद रहे।

Related Articles

Back to top button