खाटूश्याम के प्रति दो भक्तों की अनूठी श्रद्धा, 1600 नुकीली किलों पर लेटकर पहुंचा मंदिर

खाटूश्याम के दो भक्तों की अनोखी भक्ति चर्चा का कारण बनी हुई हैं। दरअसल एक शख्स 1600 कीलों पर लेटकर खाटूश्याम मंदिर पहुंचा तो दूसरा शख्स पैदल, कसरत करते हुए और स्केट करते हुए खाटूश्याम मंदिर पहुंच रहे हैं।
राजस्थान के सीकर जिले स्थित खाटूश्यामजी के वार्षिक लक्खी मेले में देशभर से लाखों श्रद्धालु पहुंच रहे हैं। बाबा श्याम के प्रति अपार श्रद्धा रखने वाले भक्त अलग-अलग अंदाज में खाटू धाम की यात्रा कर रहे हैं। इस बार मेले में दो भक्तों की अनोखी भक्ति सोशल मीडिया पर जमकर वायरल हो रही है। दरअसल एक भक्त मध्य प्रदेश के हैं जो 1600 नुकीली कीलों पर लेकर खाटूश्याम की यात्रा कर रहे हैं और दूसरे शख्स हैं हरियाणा के जिनकी आयु 50 साल है, जो युवाओं को नशे से दूर रहने का संदेश देते हुए अनोखे अंदाज में यात्रा कर रहे हैं। 

1600 नुकीली कीलों पर लेटकर खाटूश्याम पहुंचेगा भक्त

मध्य प्रदेश से आए इस भक्त ने अपनी आस्था को अनोखे तरीके से व्यक्त किया है। रींगस से खाटूश्याम तक की यात्रा वह 1600 नुकीली कीलों पर लेटकर पूरी कर रहा है। यह वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है, जिसे देखकर लोग उसकी भक्ति और श्रद्धा से हैरान हैं। बाबा श्याम के प्रति उसकी यह अनूठी भक्ति हर किसी को चकित कर रही है। स्थानीय श्रद्धालुओं का कहना है कि ऐसी भक्ति अद्भुत है, लेकिन यह जोखिम भरा भी हो सकता है। फिर भी मध्यप्रदेश से आए इस भक्त का मानना है कि बाबा श्याम की कृपा से उसे कोई कष्ट नहीं होगा और वह सकुशल अपनी यात्रा पूरी करेगा।

युवाओं को जागरुक करना उद्देश्य- राजपाल

वहीं हरियाणा के 50 वर्षीय राजपाल भी अपनी विशेष यात्रा को लेकर चर्चा में हैं। वे ‘युवाओं को जगाना है, नशे को भगाना है, सबको स्वस्थ बनाना है’ के संदेश के साथ खाटूश्यामजी की यात्रा कर रहे हैं। उनका यह सफर महज एक धार्मिक यात्रा नहीं, बल्कि समाज सुधार का एक प्रयास भी है। राजपाल अपनी इस यात्रा के दौरान अलग-अलग तरीके अपना रहे हैं। कभी स्केटिंग करते हुए, कभी पुश-अप्स करते हुए, तो कभी अन्य शारीरिक गतिविधियों के माध्यम से वे 10 दिन में खाटूश्याम पहुंचेंगे। उनका कहना है कि आजकल युवा नशे की ओर बढ़ रहे हैं और अपने स्वास्थ्य के प्रति लापरवाह हो रहे हैं। वे चाहते हैं कि उनका यह अभियान युवाओं को सही राह दिखाए।

Related Articles

Back to top button