सरकारी नौकरी छोड़ ब्रिटेन गए शख्स की हत्या! परिवार अंतिम विदाई के लिए तरस रहा, जानें पूरा मामला

ब्रिटेन में हरियाणा के युवक की हत्या के बाद उसका परिवार शव भारत लाने के लिए सरकार से मदद की गुहार लगा रहा है. विदेशी प्रक्रियाओं के कारण परिवार स्वयं यह व्यवस्था नहीं कर पा रहा है.

विदेश में एक भारतीय की दर्दनाक हत्या के बाद पूरा परिवार अब उसके अंतिम विदाई के लिए तरस रहा है. ये मामला है हरियाणा का जहां के एक व्यक्ति ने सरकार से अपील की है कि ब्रिटेन में मारे गए उसके 30 वर्षीय भाई का शव भारत लाने में तत्काल मदद की जाए. 

चंडीगढ़ में 30 नवंबर को दिए गए बयान में रवि कुमार ने बताया कि 25 नवंबर को वॉर्सेस्टर में सड़क पर हुए हमले में उनके भाई विजय कुमार श्योराण की हत्या कर दी गई और परिवार खुद उसकी पार्थिव देह को भारत लाने में सक्षम नहीं है. उनका कहना है कि यह स्थिति बेहद संवेदनशील है और अंतिम संस्कार के लिए सरकारी हस्तक्षेप जरूरी है.

2 साल पहले गए थे विदेश

विजय मूल रूप से चरखी दादरी जिले के बाढड़ा के जगरामबास गांव के निवासी थे और इसी साल उच्च शिक्षा के लिए ब्रिटेन गए थे. वह ब्रिस्टल स्थित यूनिवर्सिटी ऑफ वेस्ट इंग्लैंड में पढ़ाई कर रहे थे और दो साल पहले सरकारी नौकरी छोड़कर बेहतर भविष्य के लिए विदेश गए थे. वॉर्सेस्टर में हुए हमले के बाद उनकी हत्या की जांच वेस्ट मर्सिया पुलिस कर रही है जबकि परिवार गांव में गहरे सदमे में है क्योंकि विजय अविवाहित थे और घर में उनकी कमी कभी पूरी नहीं हो सकती.

सरकार से लगाई मदद की गुहार

रवि कुमार ने विदेश मंत्रालय को पत्र लिखकर बताया कि जटिल विदेशी कानूनी प्रक्रियाओं, दस्तावेजीकरण, प्रशासनिक नियमों और वित्तीय चुनौतियों की वजह से परिवार के लिए शव लाने की व्यवस्था स्वयं करना असंभव है. उन्होंने सरकार से अनुरोध किया है कि वह ब्रिटेन स्थित भारतीय उच्चायोग को तत्काल निर्देश जारी करे ताकि पार्थिव शरीर को भारत लाने की प्रक्रिया में देरी न हो और परिवार अंतिम संस्कार कर सके. उन्होंने कहा कि इस कठिन समय में उनके लिए कोई और विकल्प नहीं बचा है और सरकारी सहयोग ही एकमात्र उम्मीद है.

इस बीच स्थानीय विधायक सुनील सांगवान भी मामले में सक्रिय हो गए हैं और उन्होंने विदेश मंत्री डॉ. एस जयशंकर को पत्र लिखकर इस घटना को प्राथमिकता पर लेने का आग्रह किया है. सांगवान ने बताया कि हत्या की पुष्टि हो चुकी है और अब केवल शव को भारत लाने की औपचारिकताएं बाकी हैं जिन्हें केंद्र सरकार की मदद के बिना पूरा करना संभव नहीं है. पीटीआई के अनुसार, रवि कुमार ने अत्यंत भावुक स्वर में कहा कि उनका परिवार इस त्रासदी के दौर से गुजर रहा है और सरकार यदि मानवीय आधार पर सहायता दे तो वे अपने भाई को अंतिम विदाई दे पाएंगे.

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