शिवराज सिंह चौहान ने पत्र में लिखा, “दिल्ली के किसान केंद्र की कल्याणकारी योजनाओं के लाभ से वंचित हो रहे हैं. दिल्ली में आप सरकार का किसानो के प्रति गैर जिम्मेदाराना रवैया है.” केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने दिल्ली की मुख्यमंत्री आतिशी को किसानों के हितों को लेकर एक पत्र लिखा है. इस पत्र में उन्होंने कहा है कि किसानों के हितों को ध्यान में रखते हुए केंद्र सरकार ने जो योजनाएं शुरू की हैं उन्हें दिल्ली में अभी तक लागू नहीं किया गया है और इस वजह से किसानों को नुकसान हो रहा है. इस पर दिल्ली की मुख्यमंत्री आतिशी का भी जवाब आ गया है. आतिशी ने कहा कि “बीजेपी का किसानों के बारे में बात करना वैसा ही है जैसे दाऊद अहिंसा पर प्रवचन दे रहा हो. जितना बुरा हाल किसानों का बीजेपी के समय हुआ, उतना कभी नहीं हुआ. पंजाब में किसान आमरण अनशन पर बैठे हैं, मोदी जी से कहिए उनसे बात करें. आतिशी ने ये भी कहा कि किसानों से राजनीति करना बंद करें.”
कृषि मंत्री का आतिशी को पत्र
कृषि मंत्री ने अपने पत्र में दिल्ली में किसानों की स्थिति को लेकर चिंता जाहिर की है. उन्होंने अपने पत्र में कहा कि दिल्ली में “आप” की सरकार किसानों के प्रति बेहद उदासीन है. किसानों के लिए दिल्ली सरकार में कोई संवेदना नहीं है. उन्होंने लिखा कि, दिल्ली में केजरीवाल और आतिशी ने कभी किसानों के हित में उचित निर्णय नहीं लिए हैं.
पत्र में शिवराज सिंह चौहान ने लिखी कई बातें
उन्होंने लिखा कि केजरीवाल ने हमेशा चुनावों से पहले बड़ी बड़ी घोषणाएं कर राजनैतिक लाभ लिया है. केजरीवाल ने सरकार में आते ही जनहितैषी निर्णयों को लेने के स्थान पर अपना रोना रोया है.10 वर्षों से दिल्ली में आप की सरकार है, लेकिन पूर्व सीएम केजरीवाल ने हमेशा किसानों के साथ केवल धोखा किया है. केंद्र सरकार की किसान हितैषी योजनाओं को आम आदमी पार्टी की सरकार ने दिल्ली में लागू नहीं किया है.
किसानों के हित की बात की
शिवराज सिंह चौहान ने पत्र में लिखा, दिल्ली के किसान केंद्र की कल्याणकारी योजनाओं के लाभ से वंचित हो रहे हैं. दिल्ली में आप सरकार का किसानो के प्रति गैर जिम्मेदाराना रवैया है. एकीकृत बागवानी मिशन, राष्ट्रीय कृषि विकास योजना, बीज ग्राम कार्यक्रम सहित अनेक योजनाओं का लाभ किसान नहीं ले पा रहे हैं. दिल्ली में केंद्र की कृषि योजनाएं लागू नहीं होने से किसान भाई-बहन नर्सरी और टिशू कल्चर की स्थापना, रोपण सामग्री की आपूर्ति, फसल उपरांत प्रबंधन के इंफ्रास्ट्रक्चर के निर्माण, नए बाग, पाली हाउस एवं कोल्ड चैन की सब्सिडी सहित अनेक योजनाओं के लाभ नहीं ले पा रहे हैं.