
शिक्षक दिवस पर प्रदेश के 81 अध्यापक लखनऊ में सम्मानित हुए। सीएम योगी आदित्यनाथ ने इन सभी को पुरस्कृत किया। इस मौके पर बेसिक शिक्षा राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) संदीप सिंह ने कहा कि शिक्षकों को सिर्फ सम्मानित ही नहीं, उनकी निष्ठा और योगदान को प्रणाम करने के लिए भी यह कार्यक्रम है।
राजधानी लखनऊ में शुक्रवार को शिक्षक दिवस के अवसर पर शिक्षक सम्मान समारोह का आयोजन किया गया। कार्यक्रम लोकभवन में शाम 4.00 बजे से शुरू हुआ। इस मौके पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने परिषदीय विद्यालयों के 66 व माध्यमिक शिक्षा विभाग के 15 शिक्षकों को राज्य अध्यापक पुरस्कार देकर सम्मानित किया। मुख्यमंत्री राजकीय माध्यमिक विद्यालयों में गुणवत्तापूर्ण शिक्षा व मॉनिटरिंग के लिए टैबलेट, विद्यालयों में स्मार्ट क्लास की स्थापना के लिए प्रधानाचार्यों को टैबलेट व प्रमाण पत्र भी वितरित किए गए। समारोह में माध्यमिक शिक्षा राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) गुलाब देवी, बेसिक शिक्षा राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) संदीप सिंह, प्रभारी मुख्य सचिव व अपर मुख्य सचिव बेसिक व माध्यमिक दीपक कुमार, महानिदेशक स्कूल शिक्षा कंचन वर्मा मौजूद रहे।
इस अवसर पर सीएम योगी ने कहा कि बेसिक शिक्षा ने बाल वाटिका का एक नया रूप लाया है। इस सत्र में पांच हजार से अधिक बाल वाटिकाएं शुरू हो चुकी हैं। यहां पढ़ने वाले बच्चों को मुख्यमंत्री पोषण से जोड़ने जा रहे हैं। बच्चा स्वस्थ होगा तो देश का भविष्य भी सुधरेगा। देश के अंदर सबसे ज्यादा प्रगति यूपी की बेसिक शिक्षा ने किया है। ये अलग-अलग संस्थाओं के सर्वे में साबित हो चुका है। 60 लाख से अधिक बच्चे यूपी के परिषदीय स्कूलों में पढ़ाई कर रहे हैं।
पुस्तकों में पात्रों के चयन का रखें ध्यान
सीएम ने कहा कि एससीईआरटी से कहना चाहूंगा कि पुस्तकों में पात्रों का चयन जब भी करें, तो ध्यान रखें कि वह पात्र भारतीय हों। हमारे यहां रामायण और महाभारत से अच्छे पात्र कहीं नहीं मिलेंगे। जब हमारे घरों में दादी-नानी कहानी सुनाती हैं तो देश के महापुरुषों और नायकों की कहानियां सुनाती हैं। ताकि बच्चे उनके जैसा बनने के बारे में सोचें। बच्चों को खेल खेल में सिखाइए। किताबें पतली रखें, बहुत मोटी न हों, उसे देखकर बच्चे भागें नहीं, बल्कि पढ़ने के लिए रुचि पैदा हो।
नौ लाख शिक्षकों और उनके परिवार को सीएम का तोहफा
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने प्रदेश के बेसिक, माध्यमिक व उच्च शिक्षा के लगभग नौ लाख शिक्षकों को शिक्षक दिवस का तोहफा दिया है। लोकभवन में शिक्षकों को सम्मानित करते हुए शिक्षकों को कैशलेश चिकित्सा सुविधा देने की घोषणा की। सीएम ने कहा कि शिक्षामित्रों-अनुदेशकों व रसोइयों को भी इस सुविधा के दायरे में लाया जाएगा। साथ ही शिक्षामित्रों-अनुदेशकों का मानदेय भी जल्द बढ़ाया जाएगा। इसके लिए कमेटी का गठन किया जा चुका है।
सीएम ने शिक्षकों से कहा कि आप लोग अच्छा करिए, हम आपके साथ है। कैशलेस चिकित्सा सुविधा का लाभ प्रदेश के लगभग 9 लाख शिक्षकों यानी 9 लाख परिवारों को मिलेगा। बेसिक, माध्यमिक और उच्च शिक्षा विभाग जल्द सभी औपचारिकताओं को पूरा करके यह सुविधा देने के लिए काम करेगा।
शिक्षामित्रों व अनुदेशकों का बढ़ाया जाएगा मानदेय
शिक्षामित्रों व अनुदेशकों की लंबे समय से चली आ रही मांग को पूरी करते हुए सीएम ने बताया कि जल्द ही इनका मानदेय बढ़ाया जाएगा। इसके लिए गठित कमेटी की रिपोर्ट के आधार पर आगे की कार्यवाही की जाएगी।
शिक्षा में अराजकता लाने वाले अब नकारात्मक राजनीति कर रहे
मुख्यमंत्री ने विपक्ष पर हमला करते हुए कहा कि इस सत्र की शुरुआत से ही स्कूलों के विलय को लेकर कुछ लोग नकारात्मकता फैलाने में लगे हुए थे। हम स्कूल चलो अभियान चला रहे थे, कुछ लोग नकारात्मक चेष्टा कर रहे थे। जिनके समय में शिक्षा गर्त में जा रही थी, शिक्षा में अराजकता थी। वह अब नकारात्मक राजनीति कर रहे हैं।
आज प्रदेश की शिक्षा व्यवस्था पूरे देश के लिए मॉडल बना है। पिछले दस दिनों से शिक्षकों को लेकर, उनके काम को लेकर सकारात्मक माहौल देखने को मिला। हमारे शिक्षक अच्छे काम से आज कांनवेंट को टक्कर दे रहे हैं। सम्मान पाने वाले शिक्षकों की संख्या आज 81 है, कल संख्या 8 लाख पहुंचेगी।
इस मौके पर बेसिक शिक्षा राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) संदीप सिंह ने सभी का स्वागत करते हुए कहा कि आज का दिन काफी प्रेरणादायी है। आज हम लोग डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन की जयंती मना रहे हैं। उनके योगदान को याद कर रहे हैं। शिक्षकों को सिर्फ सम्मानित ही नहीं, उनकी निष्ठा और योगदान को प्रणाम करने के लिए यह कार्यक्रम है। राधाकृष्णन राष्ट्र के शिल्पकार भी हैं। उस दीपक की तरह जो खुद को जलाकर दूसरे का रास्ता प्रशस्त करता है।
आठ साल में बेसिक शिक्षा विभाग की छवि बदली
उन्होंने कहा कि सरकार द्वारा शुरू की गई गुल्लक किताब बच्चों की कल्पनाशक्ति को नया आयाम देगी। बाल वाटिका हस्त पुस्तिका का भी विमोचन होगा। गुरु हमारे व्यक्तित्व को भी आकार देने का काम करते हैं। विभाग को नई ऊंचाई पर ले जा रहे हैं। शिक्षा की नई अलख जगाई है। पिछले आठ साल में बेसिक शिक्षा विभाग की छवि बदली है। सरकार प्रदेश में हर बच्चे को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा बिना भेदभाव के दे रही है।
बेसिक में भी लागू होंगी NCERT की किताबें
मंत्री ने आगे कहा कि स्कूलों में डिजिटल शिक्षा, NEP के तहत नए प्रयोग, लर्निंग बाई डूइंग का प्रयोग कर रहे हैं। ऑपरेशन कायाकल्प के तहत सभी बेसिक सुविधा दे रहे हैं। बच्चे स्मार्ट क्लास, टैबलेट से पढ़ाई कर रहे हैं। बैठने के लिए अच्छे फर्नीचर उपलब्ध हैं। NCERT की किताबों को बेसिक में भी लागू करने जा रहे हैं। कक्षा चार तक अगले साल लागू करेंगे। इसे आठ तक ले जाएंगे। केजीबीवी 13वीं तक अपग्रेड हो रहे हैं। हर जिले में दो-दो सीएम मॉडल कंपोजिट विद्यालय बनेंगे।
1104 करोड़ से 2107 स्कूलों का हुआ कायाकल्प
इस अवसर पर माध्यमिक शिक्षा राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) गुलाब देवी ने कहा कि विभाग के 15 शिक्षक सम्मानित किए जा रहे हैं। कई सुधार हो रहे हैं। शिक्षकों की तैनाती ऑनलाइन की जा रही है। शिक्षकों के चयन के लिए आयोग से काम हो रहा है। प्रोजेक्ट अलंकार से स्कूलों का कायाकल्प 1104 करोड़ से 2107 स्कूल लाभान्वित हुए हैं। एडेड विद्यालयों के लिए 134 करोड़ जारी किए गए हैं। इससे 368 विद्यालय लाभान्वित हो रहे हैं।
उन्होंने कहा कि इसके लिए नीति आयोग ने भी इसे सराहा है। अन्य राज्यों को इसे लागू करने को कहा गया है। व्यावसायिक शिक्षा को भी लागू कर रहे हैं। संस्कृत विद्यालयों का भी विकास हो रहा है। इसमें जनप्रतिनिधि का भी सहयोग ले सकते हैं। आईसीटी लैब की स्थापना हो रही है। प्रधानाचार्य को टैबलेट दिया जा रहा है। 2017 से नकल पर नकेल लगी है। नकल माफिया पराजित हो गए हैं। कोई पकड़ा गया तो एक करोड़ का जुर्माना, आजीवन कारावास होगा। मार्कशीट इतनी मजबूत बनाई जा रही है कि इसे कोई फाड़ भी नहीं सकता है।
शिक्षक विद्वान… तो गुरु हमें महान बनाता है – गुलाब देवी
मंत्री ने आगे कहा कि आज हम शिक्षक दिवस मना रहे हैं। शिक्षक विद्वान बनाता है। गुरु हमें महान बनाता है। वर्तमान परिवेश में कपटी, कायर, क्रूर की संख्या बढ़ रही है। यह समाज हित में नहीं हैं। सत्ता को भी शिक्षक की आवश्यकता है। सत्ता और समाज दोनों में शिक्षक की महत्वपूर्ण भूमिका है। ऐसे शिष्य तैयार करें जो समाज के लिए काम करें।