‘शपथ पत्र पर हस्ताक्षर करें या फिर देश से माफी मांगें’, राहुल को चुनाव आयोग की दो टूक

इससे पहले लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने शुक्रवार को ‘वोट चोरी’ के दावे को दोहराते हुए कहा कि समय बदलेगा और इस धांधली में शामिल लोगों को सजा जरूर मिलेगी। गुरुवार को भी राहुल गांधी ने कहा था कि कर्नाटक के बंगलूरू मध्य लोकसभा क्षेत्र के महादेवपुरा विधानसभा क्षेत्र में भाजपा की जीत सुनिश्चित करने के लिए 1,00,250 नकली वोट बनाए गए।

कांग्रेस सांसद और लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी के आरोपों पर चुनाव आयोग ने पलटवार किया है। राहुल ने बीते दिन चुनाव आयोग पर वोट चोरी और भाजपा से मिलीभगत का आरोप लगाया था। इस पर चुनाव आयोग के सूत्रों ने कहा कि अगर कांग्रेस सांसद और विपक्ष के नेता अपने विश्लेषण पर विश्वास करते हैं और मानते हैं कि चुनाव आयोग पर उनके आरोप सही हैं, तो उन्हें शपथ पत्र पर हस्ताक्षर करने में कोई दिक्कत नहीं होनी चाहिए। अगर राहुल ऐसा नहीं करते हैं, तो इसका मतलब होगा कि उन्हें अपने विश्लेषण, निष्कर्षों और बेतुके आरोपों पर विश्वास नहीं है। ऐसी स्थिति में उन्हें देश से माफी मांगनी चाहिए। इसलिए उनके पास दो विकल्प हैं- या तो घोषणापत्र पर हस्ताक्षर करें या चुनाव आयोग पर बेतुके आरोप लगाने के लिए देश से माफी मांगें।

शपथ-पत्र देकर सबूत पेश करने को कहा था
इससे पहले कर्नाटक विधानसभा क्षेत्र में मतदाता सूची में हेराफेरी के राहुल के आरोपों का संज्ञान लेते हुए राज्य के मुख्य निर्वाचन अधिकारी ने उन्हें शपथ-पत्र देकर सबूत पेश करने को कहा था। इसके अलावा 2024 के महाराष्ट्र विधानसभा चुनावों में धोखाधड़ी के राहुल के आरोपों के संबंध में वहां के राज्य के मुख्य निर्वाचन अधिकारी ने विपक्ष के नेता से एक शपथ पत्र प्रस्तुत करने और मतदाता सूची में कथित रूप से मतदाताओं के नाम शामिल करने या हटाने के प्रमाण प्रदान करने को भी कहा था।

राहुल के आरोप?
इससे पहले बीते दिन दिल्ली स्थित कांग्रेस मुख्यालय में प्रेस वार्ता के दौरान विपक्ष के नेता ने आरोप लगाया था कि भारत के चुनाव आयोग और भाजपा के बीच मिलीभगत हुई थी, जिसके परिणामस्वरूप प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को अपना तीसरा कार्यकाल मिला। राहुल गांधी ने कहा, ‘नरेंद्र मोदी सिर्फ 25 सीटों के अंतर से प्रधानमंत्री बने। चुनाव आयोग भाजपा को भारत में चुनावी व्यवस्था को नष्ट करने में मदद कर रहा है। चुनाव आयोग हमें महादेवपुर (कर्नाटक विधानसभा क्षेत्र) में आंकड़े नहीं दे रहा है। अगर हम अन्य लोकसभा सीटों पर भी ऐसा करें, तो हमारे लोकतंत्र की सच्चाई सामने आ जाएगी।’

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