विश्व पर्यावरण दिवस: सीएम डॉ. मोहन यादव बोले- “प्रकृति को संजोएं, आने वाली पीढ़ियों को सुरक्षित धरती दें

मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने “एक पेड़ मां के नाम” अभियान का प्रदेशव्यापी शुभारंभ किया। उन्होंने कुशाभाऊ ठाकरे सभागार परिसर में सिंदूर, रक्तचंदन और आंवला के पौधों का रोपण कर अभियान की शुरुआत की। मुख्यमंत्री ने कहा कि यह अभियान भारतीय संस्कृति की उस परंपरा को सशक्त करता है, जिसमें एक वृक्ष को सौ पुत्रों के समान माना गया है।

विश्व पर्यावरण दिवस के अवसर पर मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कुशाभाऊ ठाकरे सभागार में आयोजित राज्य स्तरीय समारोह को संबोधित करते हुए कहा कि अगली पीढ़ी को बेहतर धरती और वातावरण सौंपने के लिए पर्यावरण संरक्षण के प्रति सभी को सचेत होना होगा। इस वर्ष का विषय “प्लास्टिक प्रदूषण का उन्मूलन” है, जो आज की सबसे बड़ी चुनौतियों में से एक है। इस अवसर पर उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा शुरू किए गए “एक पेड़ मां के नाम” अभियान का प्रदेशव्यापी शुभारंभ किया। मुख्यमंत्री ने सभागार परिसर में सिंदूर, रक्त चंदन और आंवले का पौधा लगाकर इस अभियान की शुरुआत की।  उन्होंने कहा कि यह अभियान भारतीय संस्कृति की उस परंपरा को आगे बढ़ाता है, जिसमें एक वृक्ष को सौ पुत्रों के समान माना गया है। वृक्षों, नदियों, पर्वतों और वन्यजीवों की पूजा हमारी परंपरा का हिस्सा है और यह पर्यावरण संरक्षण की जड़ों को दर्शाता है। मुख्यमंत्री  ने पर्यावरण प्रबंधन पोर्टल का शुभारंभ एवं राज्य वेटलैंड एटलस का विमोचन भी किया। उन्होंने चार पीएचडी शोधार्थियों को पर्यावरण छात्रवृत्तियां प्रदान कीं और पर्यावरण शिक्षा सामग्री का विमोचन किया। 

75 हजार से अधिक खेत-तालाबों का निर्माण
उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने जल संरक्षण के क्षेत्र में उल्लेखनीय कार्य किए हैं। अब तक 75 हजार से अधिक खेत-तालाबों का निर्माण, 95 हजार 500 कुओं का रिचार्ज और 1225 अमृत सरोवरों का जीर्णोद्धार किया जा चुका है। उन्होंने बताया कि 2002-03 में जहां केवल 7 लाख हेक्टेयर भूमि सिंचित थी, वहीं अब यह आंकड़ा 55 लाख हेक्टेयर तक पहुंच गया है। मुख्यमंत्री ने तापी मेगा रिचार्ज परियोजना, पार्वती-कालीसिंध-चंबल लिंक परियोजना और केन-बेतवा लिंक परियोजना जैसे नवाचारों की चर्चा करते हुए कहा कि यह प्रदेश को जल संपन्न बनाएंगे और पड़ोसी राज्यों को भी लाभ मिलेगा। उन्होंने क्षिप्रा नदी में स्नान व्यवस्था के विस्तार की भी जानकारी दी।

श्रेष्ठ कार्य करने वाली संस्थाएं सम्मानित 
इस अवसर पर वर्ष 2022-23 और 2023-24 के लिए म.प्र. वार्षिक पर्यावरण पुरस्कार भी प्रदान किए गए। विद्यालय श्रेणी में केंद्रीय विद्यालय क्रमांक-2 भोपाल, सेंट्रल एकेडमी शहडोल, शिशुकुंज इंटरनेशनल स्कूल इंदौर और सिंधिया कन्या विद्यालय ग्वालियर को पुरस्कृत किया गया। उद्योग, नगर निकाय, अस्पताल और एनजीओ श्रेणियों में भी श्रेष्ठ कार्य करने वाली संस्थाओं को सम्मानित किया गया।

पर्यावरण सरंक्षण की दिशा में सभी काम करें 
कार्यक्रम में सांसद वीडी शर्मा, मंत्री दिलीप अहिरवार, मंत्री कृष्णा गौर, महापौर मालती राय, विधायक  रामेश्वर शर्मा और भगवान दास सबनानी भी उपस्थित रहे। सांसद  शर्मा ने कहा कि मुख्यमंत्री डॉ. यादव के नेतृत्व में प्रदेश जल, जंगल और जमीन के संतुलन को कायम रखते हुए विकास के पथ पर अग्रसर है। मुख्यमंत्री ने सभी नागरिकों से पर्यावरण संरक्षण के लिए व्यक्तिगत जिम्मेदारी निभाने का आह्वान किया और कहा कि भारत की परंपरा में रिसाइक्लिंग और पुनः उपयोग पहले से मौजूद हैं, अब आवश्यकता है इन्हें अपनाकर पृथ्वी को सुरक्षित और हरित बनाने की।

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