विधानसभा सत्र से पहले नाराजगी दूर करने की कवायद, CM भजनलाल आज से 2 दिन तक सांसद-विधायकों से करेंगे संवाद

राज्य विधानसभा के एक सितंबर से शुरू हो रहे सत्र से ठीक पहले सीएम भजनलाल शर्मा ने सांसद-विधायक व सांसद-विधायक प्रत्याशियों के साथ पार्टी प्रदेशाध्यक्ष और जिलाध्यक्षों की बैठक बुलाई है। यह मैराथन बैठकें सोमवार-मंगलवार को सुबह से शाम तक चलेंगी। इसकी शुरुआत कोटा लोकसभा क्षेत्र से होगी।

बैठकों में मुख्यमंत्री विकसित राजस्थान 2047 के संकल्प, भाजपा के संगठनात्मक मुद्दे, पूर्ववर्ती कांग्रेस की तुलना में वर्तमान भाजपा सरकार के कामकाज, सरकार की योजनाओं व नीतियों के क्रियान्वयन और आमजन को लाभ, विधानसभा सत्र, प्रस्तावित खेलो इंडिया गेम्स और राइजिंग-राजस्थान पार्टनरशिप कॉन्क्लेव को लेकर संवाद करेंगे। माना जा रहा है कि सत्र से पहले सांसदों के साथ सभी विधायकों की समस्याओं को सुनकर उन्हें खुश करने की कोशिश है।

मंत्रियों की कार्यशैली पर आ सकती नाराजगी

संवाद में मंत्रियों की कार्यशैली को लेकर भी विधायक नाराजगी जाहिर कर सकते हैं। इसके साथ ही उनके विभागों के कामकाज को लेकर आने वाली शिकायतों को देखते हुए बैठकों के दौरान बाहर अधिकारी भी मौजूद रह सकते हैं। जिससे कि किसी की शिकायत आने पर उसके समाधान को लेकर हाथों हाथ चर्चा की जा सके।

यों चलेगा संवाद कार्यक्रम, शुरुआत कोटा से

संवाद की शुरुआत पहले दिन सोमवार को कोटा लोकसभा क्षेत्र से होगी। सीएमआर में सुबह के सत्र में कोटा, झालावाड़, टोंक-सवाईमाधोपुर, भरतपुर और करौली-भरतपुर के सांसद, विधायक व सांसद-विधायक प्रत्याशी रहे नेताओं को बुलाया गया है। वहीं शाम के सत्र में उदयपुर, राजसमंद, चित्तौड़गढ़, बांसवाड़ा और भीलवाड़ा के सांसद, विधायक और पूर्व प्रत्याशी मौजूद रहेंगे।

दूसरे दिन सुबह के सत्र में बीकानेर, श्रीगंगानगर, झुंझुनूं, सीकर, चूरू लोकसभा, दोपहर के सत्र में नागौर, जोधपुर, बाड़मेर, जालोर-सिरोही, पाली और शाम के सत्र में जयपुर शहर, जयपुर ग्रामीण, अलवर, अजमेर, दौसा लोकसभा क्षेत्र की बैठकें होंगी।

इन बिन्दुओं पर फोकस

-राज्य सरकार की दो बजट घोषणाओं की जमीनी स्तर पर प्रोग्रेस।
-मंत्रियों और उनके विभागों के कामकाज की स्थिति।
-जिलों में विकास को लेकर नई मांग।
-जिलों में अधिकारियों का रवैया कैसा।
-संगठन और सत्ता में समन्वय।

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