धुंध और कोहरे को लेकर रेलवे ने जहां पहले ट्रेनों को रद्द करने की घोषणा कर दी है, तो वहीं लोको पायलट को ट्रेनों की स्पीड को लेकर दिशा-निर्देश जारी किए गए हैं। इन निर्देशों के तहत चंडीगढ़ से चलने वाली वंदे भारत और शताब्दी सहित कई ट्रेन की स्पीड़ कम करने का आदेश जारी किया है। जानकारी के अनुसार वंदे भारत ट्रेन जो अभी 145-150 की स्पीड से चलती हैं, इसकी स्पीड़ भी 100 तक रखने का आदेश दिया गया है।
इसके बाद भी लोको पायलट को स्थिति के अनुसार स्पीड कम कर सकता है लेकिन बढ़ा नहीं सकता है। इस संबंध में अधिकारियों का कहना है कि हमारे लिए स्पीड नही धुंध व कोहरे में यात्रियों की सुरक्षा अहम है। अधिकारी ने बताया कि ट्रेन की स्पीड उस एरिया में धुंध और विजिबिल्टी के हिसाब से तय की जाती है। इस आधार पर बिहार व यू.पी. के कई एरिया ऐसे हैं जहां पर रेलवे की ओर से जारी स्पीड लिस्ट में स्पीड आधी कर दी गई हैं। ऐसे में लाजिमी है कि ट्रैनें फाग सेफ्टी डिवाइस के बाद भी लेट होगी।
GPS आधारित डिवाइस से 400 मीटर पहले मिलेगा अलर्ट
कभी-कभी कोहरे में सावधानी के बावजूद सिग्नल न दिखने के कारण दुर्घटना हो जाती है। दुर्घटना रोकने के लिएइस बार जी.पी.एस. आधारित ऐसी डिवाइस का प्रयोग रेलवे कर रहा है, जिसके जरिए लोको पायलट को 400 मीटर पहले यह पता चल जाएगा कि आगे सिग्नल है। इससे वह ट्रेन की रफ्तार पर नियंत्रण करने के साथ ही आगे का संकेत मिलने के मुताबिक आगे बढ़ेगा।
लोको पायलट सैट करते हैं Route
फाग सेफ्टी डिवाइस को पहले लोको पायलट की तरफ से चार्ज किया जाता है। इसके बाद जब ट्रेन शुरू होती हैं तो इस डिवाइस पर पूरा रूट सैट किया जाता हैं। इसके बाद जब ट्रेन चलनी शुरू हो जाती हैं तो 400 मीटर पर रूट व सिग्नल के बारे में लोको पायलट को जानकारी देनी शुरू कर देती हैं। इस संबंध में लोको पायलट का कहना कि इस डिवाइस से फायदा बहुत है। लेकिन अभी जिन इलाको मेंविजिबिल्टी शून्य होती हैं, वहीं ट्रेन की स्पीड आधी से भी कम करके चलाना पड़ता हैं। इस कारणही ट्रेनें लेट होती हैं।