
शीतलाष्टमी के मौके पर चाकसू के शील की डूंगरी पर लगने वाला 2 दिवसीय वार्षिक शीतलामाता का लक्खी मेला गुरुवार से शुरू हो गया. मुख्य मेला शीतला सप्तमी शुक्रवार को रहेगा. इस दिन यह मेला परवान पर रहेगा. मेले में मन्दिर ट्रस्ट एवं प्रशासन की ओर से चाकचौबंद व्यवस्थाएं हैं. मेले में श्रद्धालुओं का आना शुरू हो गया. यह मंदिर चाकसू कस्बे से महज 5 किलोमीटर व राजधानी जयपुर से 35 किलोमीटर दूर है. शीतला माता को भोग लगाने के लिए शीतला सप्तमी से एक दिन पहले घरों में रांधा पुआ पर्व मनाया गया. इसमें कई तरह के पकवान बनाए गए. इन ठंडे पकवानों का अगले दिन माता को भोग लगाया जाएगा. घरों में भी गरम खाना नहीं पकाया जाएगा.
पूरे राजस्थान में शीतला माता का मुख्य एवं प्रसिद्ध मेला शील की डूंगरी चाकसू पर ही लगता है. इस मेले में जयपुर, टोंक, सवाईमाधोपुर, कोटा, बूंदी, दौसा, अलवर, करौली व जोधपुर सहित राजस्थान के कई जिलों और अन्य राज्यों से बड़ी संख्या में श्रद्धालु आते हैं और शीतला माता के दर्शन करते हैं. लोक मान्यता है कि माता के मंदिर का चरणामृत पिलाने से बच्चों में होने वाला चेचक व खसरा रोग ठीक हो जाता है.
300 फीट की ऊंचाई पर है, 150 सीढ़ियां चढ़ते हैं दर्शनार्थी: मन्दिर श्री शीतला माता ट्रस्ट के अध्यक्ष कजोड़ प्रजापति व कोषाध्यक्ष हनुमान प्रजापत ने बताया कि शीतला माता का मंदिर लगभग 300 फीट की ऊंचाई पर शील की डूंगरी पर है. यहां श्रद्धालु 150 सीढ़ियां चढ़कर पहुंचते हैं. मंदिर स्थापना से लेकर अब तक यहां पहला भोग राजघराने की ओर से भेजे गए प्रसाद का लगाया जाता है. मान्यता है कि चेचक, फोड़ा-फुंसी आदि बीमारियों से माता छुटकारा दिलाती है.
महाराजा माधोसिंह ने कराया था मंदिर निर्माण: ट्रस्ट पदाधिकारियों ने बताया कि इस मंदिर का निर्माण जयपुर के पूर्व महाराजा माधोसिंह ने करवाया था. किंवदंती है कि जयपुर नरेश माधोसिंह के पुत्र गंगासिंह एवं गोपाल सिंह के चेचक हुई थी. शीतला माता की कृपा से ठीक हो गई. इसके बाद राजा माधोसिंह ने शील की डूंगरी पर मंदिर एवं बारहदरी का निर्माण कराया. मंदिर के आगे तिबारा बना हुआ था, वह जोधपुर राजपरिवार ने बनवाया था.
मेले में सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम: मेले में आने वाले श्रद्धालुओं की सुरक्षा को लेकर मंदिर समिति एवं पुलिस प्रशासन द्वारा पुख्ता इंतजाम किए गए हैं. एडीशनल एसपी पूनम चंद विश्नोई व चाकसू एसीपी सुरेन्द्र सिंह ने बताया कि मेले में 400 से अधिक पुलिसकर्मी तैनात किए गए हैं. इसमें डीसीपी साउथ समेत तीन एडिशनल डीसीपी, तीन एसीपी, 11 सीआई, 10 एसआई,एएसआई हर गतिविधि पर नजर रखेंगे. जेब कतरों व चैन स्नैचर की वारदातों को रोकने के लिए 50 से अधिक जवान सादा वर्दी में तैनात रहेंगे. मेला परिसर में 150 से अधिक सीसीटीवी कैमरे लगाए गए हैं, जिससे हर गतिविधि पर पुलिस की पैनी नजर रहेगी.
भारी वाहनों का प्रवेश रहेगा बंद: शीतला माता मेले के कारण शुक्रवार को कस्बे में श्रद्धालुओं की भारी भीड़ रहेगी. इसके चलते वाहनों का प्रवेश पूरी तरह से बंद रहेगा. एडिशनल एसपी ने बताया कि यदि शुक्रवार को भीड़ अधिक रही तो बसों व अन्य चार पहिया वाहनों को मेला परिसर से पहले रोका जाएगा. टोंक की तरफ से आने वाले वाहनों को निमोडिया मोड़ से और जयपुर से आने वाले वाहनों को सीधे बाइपास से डायवर्ट किया जाएगा.
मंदिर में हुई विशेष सजावट: मेले को लेकर मंदिर ट्रस्ट द्वारा मंदिर पर विशेष सजावट की गई है. पालिका प्रशासन द्वारा रोड लाइटें, पार्किंग, पानी की व्यवस्था, अग्निशमन वाहन, कंट्रोल रूम, सड़क की सफाई सहित कई स्थानों पर बेरिकेडिंग की गई है. पार्किंग व्यवस्था को लेकर भी वाहनों के नियंत्रण पर सहित अन्य व्यवस्थाएं की गई है.
विशेष सफाई अभियान: चाकसू नगरपालिका के अधिशाषी अधिकारी डॉ. बीएल मीणा ने बताया कि मेलास्थल पर एक सप्ताह से विशेष सफाई अभियान चलाया गया. चाकसू विधायक रामावतार बैरवा, कृषि मंडी चाकसू के पूर्व अध्यक्ष कैलाश शर्मा, एसडीएम शिवचरण लाल शर्मा, जलदाय विभाग, पीडब्ल्यूडी विभाग नगरपालिका के अधिकारियों के साथ मेले की व्यवस्थाओं पर चर्चा कर मेला परिसर में व्यवस्थाओं का जायजा लिया गया है. मेले को लेकर कंट्रोल रूम स्थापित किया गया है. कोरोना काल के बाद अब इस बार मेले में झूले आदि मनोरंजन के साधन लगाए गए हैं.