राजस्थान में खनिज ब्लॉक की ई-नीलामी की अधिसूचना को मुख्यमंत्री ने दी अनुमति, देखिये पूरी डिटेल

Jaipur News: मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने इन लाईमस्टोन खनिज ब्लॉक्स एवं लेड-जिंक ब्लॉक की ई-नीलामी की अनुमति दे दी है. इससे राज्य के राजस्व को काफी फायदा होगा.

राजस्थान में जैसलमेर, कोटा और सवाई माधोपुर जिलों के लिए खनिज ब्लॉक की ई-नीलामी की अधिसूचना जारी की जाएगी. मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने इन लाईमस्टोन खनिज ब्लॉक्स एवं लेड-जिंक ब्लॉक की ई-नीलामी की अनुमति दे दी है. मुख्यमंत्री के अनुमोदन के उपरान्त अब जैसलमेर जिले में खनिज लाईमस्टोन के ब्लॉक पारेवार (SN&III) 960 हैक्टेयर क्षेत्र, पारेवार (SN&III) 928 हैक्टेयर क्षेत्र, पारेवार (SN&IV) 960 हैक्टेयर क्षेत्र एवं पारेवार-ए (400 हैक्टेयर क्षेत्र), कोटा जिले में लाईमस्टोन के पूर्वेक्षित ब्लॉक निनामा-दुनिया एक्सटेंशन (408.2974 हैक्टेयर क्षेत्र), जैसलमेर जिले में लाईमस्टोन के खाबिया (200.4766 हैक्टेयर क्षेत्र) एवं खाबिया ईस्ट ब्लॉक (205.9798 हैक्टेयर क्षेत्र) और सवाईमाधोपुर जिले के चौथ का बरवाड़ा में लेड-जिंक ब्लॉक (984.5951 हैक्टेयर क्षेत्र) के कम्पोजिट लाइसेंस में ई-नीलामी की अधिसूचना जारी की जाएगी.

राजस्थान को मिला है प्रथम स्थान?

ओडिशा के कोणार्क में हाल ही आयोजित नेशनल माइंस मिनिस्टर्स कॉन्फ्रेंस में वर्ष 2023-24 में देश में सर्वाधिक मेजर मिनरल ब्लॉक के ऑक्शन करने पर राजस्थान को प्रथम पुरस्कार मिला है. पिछले एक साल में खनन क्षेत्र में खनिज खोज से लेकर माइनर एवं मेजर मिनरल ब्लॉकों के ऑक्शन, एमनेस्टी योजना, ड्रोन सर्वे के बाद यहां का माहौल बदला है.

कितना मिला राजस्व?

एक आंकड़ें के मुताबिक़ पिछले वित्त वर्ष में खनन क्षेत्र में 7 हजार 460 करोड़ 48 लाख रूपये का रिकॉर्ड लाभ हुआ है. वित्त वर्ष 2023-24 में प्रदेश में 31 मेजर मिनरल ब्लॉकों की नीलामी की गई, जिनमें से वर्तमान राज्य सरकार के पहले तीन माह में ही 15 मेजर मिनरल ब्लॉकों की नीलामी केन्द्र सरकार के पोर्टल के माध्यम से की गई है.

 प्रदेश में खनन क्षेत्र में लगभग 35 लाख लोगों को प्रत्यक्ष एवं अप्रत्यक्ष रूप से रोजगार प्राप्त हो रहा है. राज्य सरकार द्वारा राजस्थान खनिज नीति-2024 एवं एम-सेण्ड नीति-2024 लाकर महत्वपूर्ण नीतिगत सुधार किए गए हैं. इसके माध्यम से राज्य जीडीपी में खनन क्षेत्र की हिस्सेदारी को 3.4 प्रतिशत से बढ़ाकर वर्ष 2029-30 तक 5 प्रतिशत और 2046-47 तक 8 प्रतिशत तक ले जाने का लक्ष्य है.

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