
राजस्थान चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री की ओर से मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा को पत्र लिखकर मांग की है. राजस्थान चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री के अध्यक्ष डॉ.केएल जैन ने बताया कि नए उद्योगों को निवेश क्रियान्वयन करने में दो प्रमुख बाधाएं आ रही है
पहली बाधा-राज्य में विद्युत दर पड़ोसी राज्य की तुलना में बहुत अधिक है. दूसरी बाधा- राज्य में भूमि के दरें भी अपेक्षाकृत अधिक है,जिन्हें कम करने की आवश्यकता है. निवेशकों द्वारा MoU को धरातल पर लाने में काफी परेशानी आ रही है
निवेशकों ने राज्य सरकार से मांग की है कि बिजली और भूमि की दरें कम होगी तो प्रदेश में निवेश आकर्षित होगा,राज्य में विकास और रोजगार के अवसर बढेंगे, क्योंकि राजस्थान नवाचार व निवेश में एक नए केंद्र के रूप में उभर रहा है. अभी हाल ही में राईजिंग राजस्थान ग्लोबल इन्वेस्टमेंट समिट-2024 के अंतर्गत करीब 35 लाख करोड़ के MoU हुए है
समिट में 32 से अधिक देशों के प्रतिनिधि शामिल हुए जिनमें डेनमार्क, जापान, दक्षिण कोरिया, सिंगापुर, स्विट्जरलैंड, मलेशिया, स्पेन, क्यूबा, वेनेजुएला, गोरक्को, अर्जेंटीना, ब्राजील, कोरटा रिका, नेपाल, ओमान, पोलैंड और थाईलैंड शामिल रहे
प्रदेश में मुख्य रूप से 7 सशक्त सेक्टर हैं जिनमें प्रमुख हैं -पर्यटन, कृषि व कृषि आधारित उद्योग, खनिज व खनिज आधारित उद्योग, हस्तकला और हतकर्धा, सभी प्रकार के टेक्सटाइल्स उद्योग, सूचना एवं प्रौद्योगिकी, रसायन व दवाइयां (एलोपैथी एवं आयुष) समेत सभी सेक्टर में इसमें 496 बडे उद्योग, 3500 मध्यम और करीब 12 लाख छोटी व सूक्ष्म इकाईयां है. राज्य सरकार को बिजली और भूमि आवंटन दरों में कमी कर निवेशकों को राहत दें